Advertisement Carousel
National

Parliament Session: हंगामेदार सत्र के बाद टी-पार्टी में दिखा सौहार्द, पीएम मोदी और प्रियंका गांधी के बीच हुई शिष्टाचार भेंट

The loktnatra

द लोकतंत्र : संसद का शीतकालीन सत्र, जो अपने प्रारंभ से ही विवादों और हंगामे की भेंट चढ़ता रहा, शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा और राज्यसभा में दिनभर चले भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही समाप्त हुई। किंतु, संसदीय परंपरा के अनुसार आयोजित औपचारिक चाय पार्टी (Tea Party) में एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। सदन की कड़वाहट से परे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेताओं, विशेषकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बीच हुई सौहार्दपूर्ण भेंट ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।

चाय पर चर्चा: वायनाड से लेकर संसदीय कार्यवाही तक

इस बैठक में विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं ने शिरकत की, जिनमें सुप्रिया सुले और अन्य वरिष्ठ सांसद शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और प्रियंका गांधी के बीच हुई बातचीत मुख्यतः वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के विकास और वहां की समस्याओं पर केंद्रित रही। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सदन के भीतर चलने वाले प्रचंड विरोध के बीच ऐसी निजी मुलाकातें भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाती हैं।

सांसदों की मांग: समर्पित हॉल और कार्यकाल विस्तार

बैठक के दौरान सांसदों ने प्रधानमंत्री के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे:

  • समर्पित हॉल: सदस्यों ने नए संसद भवन में एक विशेष हॉल की मांग की, जैसा कि पुराने भवन में उपलब्ध था। हालांकि, सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि पूर्व में ऐसी व्यवस्थाओं का उपयोग अत्यंत न्यूनतम था।
  • समय प्रबंधन: विपक्षी सांसदों ने सत्र को एक सप्ताह बढ़ाने की वकालत की थी। उन्होंने पीएम से कहा कि देर रात तक विधेयक पारित करना लोकतांत्रिक दृष्टि से आदर्श नहीं है।

पीएम मोदी की चुटकी और सराहना

प्रधानमंत्री ने बैठक में मजाकिया अंदाज में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के कारण ही सत्र तुलनात्मक रूप से छोटा रहा। हालांकि, उन्होंने एनके प्रेमचंद्रन जैसे विपक्षी सांसदों की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की। पीएम ने कहा कि सदन में तर्कसंगत चर्चा के लिए तैयारी के साथ आना प्रशंसनीय है।

शीतकालीन सत्र का अंत भले ही हंगामे के साथ हुआ हो, किंतु समापन पर हुई यह टी-मीटिंग एक सकारात्मक संदेश छोड़ गई है। यह सिद्ध करता है कि वैचारिक भिन्नता के बावजूद, लोकतंत्र में संवाद के द्वार सदा खुले रहने चाहिए।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं