द लोकतंत्र : भारतीय सिनेमा के इतिहास में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की अविस्मरणीय घटनाओं को पर्दे पर उतारने वाली बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इक्कीस’ (Ikkis) का फाइनल ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। यह फिल्म दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के शानदार करियर की अंतिम प्रस्तुति मानी जा रही है, जिसमें वे एक पिता के मर्मस्पर्शी किरदार में नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया है, जिन्होंने सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की बहादुरी को बेहद सटीकता के साथ फिल्माया है। ट्रेलर ने न केवल युद्ध के मैदान का धुआं और बारूद दिखाया है, बल्कि एक शहीद परिवार की कभी न खत्म होने वाली प्रतीक्षा को भी रेखांकित किया है।
ट्रेलर का विश्लेषण: तकदीर बदलने वाले योद्धा का परिचय
ट्रेलर की शुरुआत जयदीप अहलावत के गंभीर वॉयसओवर से होती है, जो दर्शकों को सीधे 1971 के जंग के मैदान में ले जाता है।
- अगस्त्य नंदा का रूपांतरण: अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा ने सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की भूमिका को पूरी निष्ठा के साथ निभाया है। 21 साल की अल्पायु में परमवीर चक्र विजेता बनने वाले खेत्रपाल के शौर्य की झलक फिल्म के युद्ध दृश्यों में स्पष्ट दिखाई देती है।
- जयदीप अहलावत की भूमिका: जयदीप का किरदार कहानी को आगे बढ़ाने वाला सूत्रधार प्रतीत होता है, जो अरुण खेत्रपाल के साहस के साक्षी रहे हैं।
धर्मेंद्र का भावुक अभिनय: वो हमेशा 21 का ही रहेगा
फिल्म का सबसे मर्मस्पर्शी हिस्सा धर्मेंद्र के सीन हैं। धर्मेंद्र इसमें अरुण खेत्रपाल के पिता का किरदार निभा रहे हैं। ट्रेलर में उनका वह संवाद हृदयविदारक है जिसमें वे अपने दो बेटों के बीच उम्र के अंतर को बताते हैं। वे कहते हैं, “छोटा बेटा मुकेश 50 साल का है और बड़ा बेटा अरुण… ये हमेशा 21 का ही रहेगा।” यह एक वाक्य युद्ध की भीषणता और शहादत के गर्व को एक साथ समेटे हुए है।
स्टार कास्ट और रिलीज की नई रणनीति
फिल्म ‘इक्कीस’ में अक्षय कुमार की भांजी सिमर भाटिया भी डेब्यू कर रही हैं, जो अगस्त्य के विपरीत नजर आएंगी।
- रिलीज डेट में बदलाव: पहले यह फिल्म 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होनी थी, परंतु मेकर्स ने अब इसे नए साल के उपहार के रूप में 1 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में उतारने का निर्णय लिया है। व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, न्यू ईयर पर रिलीज होने से फिल्म को एक बेहतर ओपनिंग मिलने की उम्मीद है।
‘इक्कीस’ महज एक युद्ध फिल्म नहीं, बल्कि एक राष्ट्रभक्त का स्मारक है। अगस्त्य नंदा की ऊर्जा और धर्मेंद्र के अनुभव का यह मिश्रण 2026 की सबसे प्रभावशाली शुरुआत सिद्ध हो सकता है।

