द लोकतंत्र : उत्तर भारत में छाए घने कोहरे और न्यूनतम दृश्यता (Low Visibility) के कारण देशव्यापी विमानन सेवाएं गंभीर रूप से बाधित हो रही हैं। सैकड़ों उड़ानों के विलंब और रद्दीकरण से उत्पन्न यात्री असंतोष को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को एक आधिकारिक मेमोरेंडम जारी करते हुए यात्री सुविधा नियमों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि प्रतिकूल मौसम में यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी सुविधा से कोई समझौता अक्षम्य होगा।
यात्री अधिकार और एयरलाइंस के दायित्व
मंत्रालय द्वारा निर्धारित नए दिशानिर्देशों में सूचना के प्रवाह और बुनियादी सुविधाओं पर सर्वाधिक बल दिया गया है।
- सटीक सूचना प्रणाली: एयरलाइंस के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे उड़ान की स्थिति के बारे में रियल-टाइम अपडेट प्रदान करें। विलंब का कारण स्पष्ट होना चाहिए ताकि यात्री अनिश्चितता की स्थिति में न रहें।
- भोजन एवं आवास: नियमों के अनुसार, यदि उड़ान एक निश्चित समय सीमा से अधिक विलंबित होती है, तो एयरलाइंस को निशुल्क भोजन और रिफ्रेशमेंट उपलब्ध कराना होगा। इसके अतिरिक्त, उड़ान रद्द होने पर यात्रियों को वैकल्पिक बुकिंग या पूर्ण रिफंड का विकल्प प्रदान करना कानूनी बाध्यता है।
संचालन एवं लॉजिस्टिक्स: हवाई अड्डों पर रणनीतिक तैयारी
कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) जैसे प्रमुख केंद्रों पर स्टाफ की कमी एक बड़ी चुनौती रही है।
- staff नियुक्ति: मंत्रालय ने हेल्प डेस्क पर कर्मियों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है, विशेषकर ब्रह्ममुहूर्त और देर शाम के समय, जब कोहरे का घनत्व सर्वाधिक होता है।
- डायवर्जन प्रबंधन: यदि खराब दृश्यता के कारण उड़ान को किसी अन्य शहर में डायवर्ट किया जाता है, तो एयरलाइंस को वहां से गंतव्य तक की आगे की यात्रा, बैगेज हैंडलिंग और बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रबंध करने होंगे।
विशेष श्रेणी के यात्रियों के लिए संवेदनशीलता
सरकारी दिशानिर्देशों में दिव्यांग व्यक्तियों (PwDs) के लिए विशेष सहायता को प्राथमिकता दी गई है। चेक-इन प्रक्रिया पूरी कर चुके यात्रियों को बोर्डिंग से रोके जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
भविष्य का प्रभावी प्रभाव
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रालय का यह हस्तक्षेप एयरलाइंस की जवाबदेही तय करेगा। भविष्य में, CAT-III जैसे उन्नत इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम के अधिक प्रभावी उपयोग और ग्राउंड स्टाफ के प्रशिक्षण से ही इस सालाना चुनौती से निपटा जा सकता है।
मौसम पर नियंत्रण असंभव है, किंतु प्रबंधन के माध्यम से मानवीय कष्ट को न्यूनतम किया जा सकता है। मंत्रालय का कड़ा अनुशासन विमानन क्षेत्र में यात्री विश्वास को पुनर्स्थापित करने की दिशा में सराहनीय कदम है।

