द लोकतंत्र : भारतीय डिजिटल कंटेंट इकोसिस्टम में जब भी सफलता और आर्थिक सक्षमता की चर्चा होती है, तो ‘टेक्निकल गुरुजी’ (गौरव चौधरी) और ‘कैरीमिनाटी’ (अजय नागर) के नाम शीर्ष पर आते हैं। करोड़ों की फैन फॉलोइंग होने के बावजूद, इन दोनों के व्यवसाय मॉडल और राजस्व उत्पादन की तकनीक एक-दूसरे से सर्वथा भिन्न हैं। जहाँ एक ओर गौरव चौधरी तकनीकी सटीकता और कॉरपोरेट नेटवर्किंग पर केंद्रित हैं, वहीं अजय नागर जन-मनोरंजन और वायरल एंगेजमेंट की शक्ति पर सवार हैं।
तकनीकी स्थिरता बनाम मनोरंजन का विस्फोट
दोनों क्रिएटर अलग-अलग आय श्रेणियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- टेक्निकल गुरुजी (सटीकता और ब्रांड वैल्यू): गौरव चौधरी की कमाई का आधार ब्रांड इंटीग्रेशन है। स्मार्टफोन और गैजेट्स के रिव्यू के कारण टेक दिग्गज सीधे उनके साथ अनुबंध करते हैं। उनकी नेट वर्थ लगभग ₹356 करोड़ आंकी गई है, जिसमें उनके दुबई स्थित पारिवारिक व्यवसाय का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यूट्यूब से उनकी मासिक आय ₹10 लाख से अधिक रहती है।
- कैरीमिनाटी (व्यूअरशिप और ट्रेंडिंग): अजय नागर का मॉडल ‘मास अपील’ पर आधारित है। उनके रोस्ट वीडियो पर आने वाले व्यूज ऐड रेवेन्यू (Google AdSense) को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। उनकी नेट वर्थ लगभग ₹131 करोड़ है। यद्यपि वे महीने में कम वीडियो डालते हैं, किंतु उनकी लाइव स्ट्रीमिंग और सुपरचैट आय का एक सक्रिय स्त्रोत हैं।
कौन है अधिक प्रभावशाली?
डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों की सफलता के पैमाने अलग हैं:
- ऐड रेवेन्यू: यहाँ कैरीमिनाटी स्पष्ट रूप से अग्रणी हैं। उनके वीडियो की औसत व्यूअरशिप टेक वीडियो की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।
- ब्रांड अथॉरिटी: टेक्निकल गुरुजी यहाँ बाजी मारते हैं। महंगे गैजेट्स और प्रीमियम लाइफस्टाइल ब्रांड्स के लिए गौरव चौधरी एक विश्वसनीय नाम हैं, जिसके लिए कंपनियां मोटी रकम चुकाती हैं।
क्रिएटर इकोनॉमी का विस्तार
यूट्यूब विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में क्रिएटर इकोनॉमी सिर्फ ऐड रेवेन्यू तक सीमित नहीं रहेगी। ‘पर्सनल ब्रांडिंग’ और ‘डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर’ (D2C) बिजनेस इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे। टेक्निकल गुरुजी की उच्च नेट वर्थ उनके विविध निवेश और बिजनेस माइंडसेट का परिणाम है, जबकि कैरीमिनाटी का ग्रोथ ग्राफ दिखाता है कि यूथ आइकन होना किस प्रकार पूंजी में बदला जा सकता है।
निष्कर्षतः, यदि संपत्ति की बात करें तो टेक्निकल गुरुजी काफी आगे हैं, किंतु डिजिटल प्रभाव और ऐड रेवेन्यू में कैरीमिनाटी का कोई सानी नहीं है।

