द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश में गठबंधन के अन्तर्गत कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आयी हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ़ से लोकसभा चुनाव के लिए अब तक दो सूचियाँ जारी की गयीं हैं। हालाँकि अभी तक उत्तर प्रदेश की 17 सीटों के लिए कौन कौन उम्मीदवार होगा इसपर कोई सुगबुगाहट नहीं हो रही है। अमेठी, रायबरेली के अलावा वाराणसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा इसपर लोगों की दिलचस्पी बनी हुई है।
सबसे ज़्यादा चर्चा इस बात की है कि क्या राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? भाजपा ने जहां अमेठी में स्मृति ईरानी को टिकट दे दिया है वहीं राहुल गांधी का नाम भी वायनाड के लिये घोषित किया जा चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पिछली बार की तरह राहुल गांधी दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे?
मैं कांग्रेस पार्टी का सिपाही हूं जो ऑर्डर मिलेगा करुंगा
आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमेठी से चुनाव लड़ने के एक सवाल पर डिप्लोमैटिक जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, हमारी सीईसी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं वो जो भी ऑर्डर देंगे मैं करुंगा जो भी उनकी राय है। उन्होंने आगे कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी का सिपाही हूं जो ऑर्डर मिलेगा करुंगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी दरअसल चुनावी बॉन्ड को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे जिसमें एक सवाल के जवाब में उन्होंने उक्त बातें कहीं।
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यूपी की अमेठी सीठ गांधी परिवार की पारंपरिक सीटों में गिनी जाती है। इस सीट पर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की हार हुई थी। स्मृति ईरानी तीसरी बार इस सीट से मैदान में हैं।
स्मृति सक्रीय, कांग्रेस ग़ायब
अमेठी में स्मृति इरानी सक्रीय होकर जनसंपर्क कर रही हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ़ से स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं बन पा रहा। हालाँकि स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी को चुनाव लड़ते देखना चाहते हैं लेकिन शीर्ष नेतृत्व राहुल गांधी को सीधे तौर पर अमेठी में स्मृति इरानी के सामने नहीं लाना चाहते। उत्तर प्रदेश में पिछली बार कांग्रेस सिर्फ़ रायबरेली सीट ही जीत पायी थी ऐसे में इसबार की लिस्ट में कौन कहाँ से चुनाव लड़ेगा यह तय करना बहुत महत्वपूर्ण है।