द लोकतंत्र : क्षेत्रीय दलों की पीठ पर सवार होकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने की रणनीति पर चल रही है। कांग्रेस ने अलग अलग राज्यों में प्रमुख क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में है। कांग्रेस ने कुछ ऐसे दलों के साथ भी गठबंधन किया है जो क्षेत्रीय स्तर पर परस्पर विरोधी हैं। कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। दिल्ली में AAP ने कांग्रेस को जो पटखनी दी थी उसका दर्द आज भी रह रह कर कांग्रेस नेताओं को होता है।
ख़बर है कि दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से और पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। यह इस्तीफ़ा ऐसे समय में हुआ है जब दिल्ली में कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है और मतदान में एक महीने से भी कम का वक़्त बचा है। दिल्ली में छठवें चरण में मतदान होना है।
AAP के साथ गठबंधन होने से चल रहे थे नाराज़
पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी दर्ज की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया।
अरविंदर लवली ने इस्तीफे में लिखा है कि वह कई कारणों से खुद को अपंग महसूस करते हैं और दिल्ली पार्टी इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में अपने आप को असमर्थ समझते हैं। पत्र में उन्होंने लिखा, 31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी।
मैंने दिल्ली प्रदेश इकाई को सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की
अरविन्दर ने आगे लिखा, अगस्त 2023 में जब मुझे कार्यभार सौंपा गया था तब पार्टी इकाई किस स्थिति में थी, यह सब जानते हैं। तबसे मैंने कई उपाय करके पार्टी को पुनर्जीवित करने और अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
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उन्होंने लिखा, मैंने सैकड़ों स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल किया, जो या तो पार्टी छोड़ चुके थे या निष्क्रिय हो गए थे। जबकि कई साल से पार्टी ने शहर में कोई बड़ा कार्यक्रम/रैली नहीं की थी। मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि रैली और कार्यक्रमों के जरिए शहर की सभी 7 संसदीय सीटें कवर हो जाएं क्योंकि आम चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा था।