द लोकतंत्र : तेलंगाना के शोध छात्र रोहित वेमुला की मौत के 8 साल बाद हैदराबाद पुलिस ने केस की जांच पूरी की। रोहित के आत्महत्या के मामले में पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट जमा की। दरअसल, तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की जनवरी 2016 में हुई मौत के मामले में अपनी जांच बंद कर दी है। पुलिस ने दावा किया है कि वह दलित नहीं थे।
रोहित के जाति प्रमाणपत्र जाली थे
मामले की जांच बंद करते हुए पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया गया कि रोहित इस बात को बखूबी जानते थे कि वह दलित नहीं हैं। शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ लेने के उद्देश्य से उनके द्वारा जाली जाति प्रमाणपत्र लगाये गये थे। जाति की पहचान उजागर होने के डर से रोहित ने आत्महत्या कर ली थी। जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत के चलते विश्वविद्यालयों में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के साथ ही पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। आरोपियों में सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन रामचंदर राव और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ हैदराबाद यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति पी अप्पा राव भी का नाम शामिल था।
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन ने रोहित वेमुला मौत मामले पर तेलंगाना पुलिस की रिपोर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बता दें, 2016 में पुलिस ने सबसे पहले आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने एससी और एसटी की धाराएं भी जोड़ दी थी।
तेलंगाना हाई कोर्ट में शुक्रवार को राज्य की पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रोहित की आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि रोहित वेमुला की ओर से दिए गए जाति प्रमाण पत्र जाली थे और वह एससी वर्ग से संबंधित नहीं थे।
पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट से रोहित का परिवार सदमें में
रोहित वेमुला के भाई राजा वेमुला ने कहा, पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट से परिवार सदमें में है। तेलंगाना पुलिस की जिम्मेदारी यह जांच करना था कि क्या मेरे भाई को इस हद तक परेशान किया गया था कि उसने अपनी जान ले ली। इसके बजाय वे फिर से उसकी जाति की बात करन लगे। हम इस केस को फिर से खोलने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से संपर्क करेंगे, जिन्होंने पहले भी हमें सपोर्ट किया था।
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रोहित की मां राधिका वेमुला ने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि हम एससी माला समुदाय से हैं और हमारा पालन-पोषण एक ओबीसी परिवार में हुआ है। इसमें कोई विवाद नहीं है कि हम अनुसूचित जाति से हैं। हम एक और लड़ाई के लिए तैयार हैं।