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दिल्ली में लगने वाला यह ‘बुक मार्केट’ है किताबों के शौक़ीनों की पसंदीदा जगह, लोग भर भर कर ख़रीदते हैं किताबें

This 'book market' in Delhi is a favourite place for book lovers, people buy books in large numbers

द लोकतंत्र : अक्सर लोग बाग कहते सुने जाते हैं कि सोशल मीडिया के दौर में किताबों की चमक फीकी पड़ गई है। लोगों को किताबें पढ़ने में दिलचस्पी घट रही है। लेकिन, आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बतायेंगे जहां जाकर आपका भ्रम टूट जाएगा। दिल्ली में महिला हाट दरियागंज नामक एक जगह है जहां रविवार को किताबों की मंडी (बुक मार्केट) सजती है। किताबों के शौक़ीनों के लिए यह जगह तीर्थ से कम नहीं है। मीडिया से जुड़ी हुई हमारी दोस्त उमा पाठक जिन्हें ख़ुद भी किताबों से गहरा लगाव है उन्होंने बीड़ा उठाया कि वह दरियागंज बुक मार्केट चाँदनी चौक महिला हाट ग्राउंड की सैर करायेंगी और अपने लिए कुछ किताबें भी लेंगी।

पुस्तक प्रेमियों के लिए काबा है दरियागंज

दरियागंज में देश-विदेश के लेखकों और साहित्यकारों की किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। आपके भीतर ढूढ़ने की लगन और समय हो तो आप बेशक़ीमती किताबें भी बेहद सस्ते में घर लेकर आ सकते हैं। दरियागंज पुस्तक प्रेमियों के लिए काबा सरीखा है। दिल्ली मेट्रो के वायलट लाइन पर दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के निकास संख्या 3 से बाहर निकलते ही आपको किताबों का यह अद्भुत संसार मिल जाएगा। हालाँकि पहले यह मार्केट पटरियों पर लगता था लेकिन अब यह मेट्रो गेट के दूसरी ओर ख़ाली स्पेस में लगता है।

उमा पाठक किताबों की शौक़ीन हैं तो उन्होंने एक लंबी लिस्ट बना रखी थी कि उन्हें कौन सी साहित्यिक किताबें चाहिए। दस बीस मिनट मार्केट की तफ़री करने के बाद उन्हें उनकी पसंदीदा स्टाल मिल गई जहां मुंशी प्रेमचंद से लगायत नयी हिन्दी के लेखकों की किताबें उमा जैसे साहित्य प्रेमियों का इंतज़ार कर रही थीं। उमा की लिस्ट की लगभग सभी किताबें उन्हें एक ही स्टाल पर मिल गई और उन्होंने झोला भर भर के किताबें ख़रीदी। सबसे ख़ास बात यह रही कि लगभग 4500 मूल्य की किताबें उमा को महज़ 2000 रुपयों की पड़ी मतलब पचास प्रतिशत से ज़्यादा के डिस्काउंटेड क़ीमत पर उन्हें सभी किताबें मिल गयीं। उमा की ही तरह दरियागंज बुक मार्केट में कई युवा और बुजुर्ग भी अपनी पसंदीदा किताबें लेते नज़र आये।

सिर्फ़ साहित्य नहीं, मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें भी हैं उपलब्ध

दरियागंज में हिन्दी, अंग्रेज़ी साहित्य के अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग, कॉमर्स, प्रतियोगी परीक्षाओं सहित अकादमिक किताबें भी मिलती हैं। विभिन्न कोर्सेज से जुड़े स्टूडेंट्स यहाँ के बुक स्टाल्स पर अपनी मतलब की किताबें ढूढ़ते नज़र आते हैं। बच्चों के लिए भी पढ़ने को यहाँ काफी कुछ मिलता है साथ ही यहाँ स्टेशनरी के समान भी सस्ते मिल जाते हैं। दरियागंज मार्केट में 1000 से ज़्यादा छोटे बड़े किताबों के विक्रेता हैं जिनके पास किताबों का दुर्लभ कलेक्शन हैं। यहाँ कॉमिक्स बुक्स भी मिल जायेंगी जो नब्बे के दशक के युवाओं के लिये एक नास्टैल्जिया है।

दरिया गंज महिला हाट में आपको किताबें और स्टेशनरी के समान किलो के भाव में मिल जाते हैं। वहीं साहित्य और अन्य विधाओं की अधिकांश किताबों की क़ीमत प्रिंट रेट से लगभग आधे से भी कम हैं। यहां पर किताबें और स्टेशनरी आपको 50 रुपये किलो के भाव में मिल जायेंगी। तो अगर आप किताबों के शौक़ीन हैं तो दरियागंज महिला हाट में सजने वाली किताबों के इस अद्भुत संसार को ज़रूर एक्सप्लोर करें। यक़ीन मानिए, यहाँ की भीड़ आपको बता देगी कि चाहे लोग लाख सोशल मीडिया के आदती हो गये हों लेकिन किताबों का आकर्षण कभी कम नहीं होगा।

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

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