द लोकतंत्र : यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के कथित ‘सांप्रदायिक आदेश’ के बाद ख़ुद सरकार के सहयोगी इसकी आलोचना कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा में दुकानों के नाम पहचान बनाने के फैसले का अब तक बीजेपी के चार सहयोगी दलों ने विरोध किया है। इसमें एनसीपी, जेडीयू, एलजेपी पासवान और RLD शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में एनडीए के सहयोगी रालोद प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने योगी सरकार के इस आदेश का विरोध करते हुए इसे जल्द वापस लेने को कहा है। जयंत चौधरी ने रविवार को कहा, यह यात्रा किसी एक धर्म या जाति से संबंधित नहीं है। ऐसा लगता है कि यह आदेश बिना सोचे समझे लिया गया है और सरकार इस पर अड़ी हुई है, क्योंकि यह निर्णय लिया जा चुका है।
योगी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट में शनिवार 20 जुलाई को सुबह 6 बजे ऑन लाइन याचिका दाखिल की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उसी दिन मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 22 जुलाई को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच इस याचिका की सुनवाई करेगी।
योगी के मंत्री ने किया आदेश का समर्थन
बता दें, सरकार के इस फ़ैसले को धार्मिक आधार से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष समेत भाजपा के सहयोगी दल भी इस आदेश की आलोचना कर रहे हैं। तमाम विवादों के बीच सीएम योगी द्वारा कांवड़ यात्रियों के लिए कदम उठाए गये कदम का बचाव करते हुए यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा, हरिद्वार गोमुख से देशभर का कांवड़िया जल लेकर अपने गंतव्य की तरफ जाता है और विशेष रूप से उन्हें मुजफ्फरनगर में आना पड़ता है। देखने में आया है कि कुछ लोग अपने दुकानों, ढाबों, रेस्टोरेंट के नाम हिंदू धर्म के नाम पर लिखते हैं जबकि चलाने वाले उनके मुस्लिम लोग होते हैं।
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उन्होंने आगे कहा, वह मुस्लिम है हमें कोई आपत्ति नहीं है दिक्कत यहां आती है जब वह अपनी दुकान पर नॉनवेज बेचते हैं। हिंदू धर्म के वैष्णो ढाबा भंडार, शाकुंभरी देवी भोजनालय, शुद्ध भोजनालय ऐसा लिख करके वह नॉनवेज बेचते हैं। उसमें बड़ी आपत्ति होती है। मेरी जिला प्रशासन से डिमांड थी कि ऐसे ढाबो पर उन लोगों के नाम अंकित किए जाएं। इसमें आपत्ति क्या है ? कई वीडियो वायरल हुई है कि लोग रोटी के ऊपर थूक रहे हैं और रेस्टोरेंट में थूक भी रहे हैं।
कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा?
इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से आरंभ हो रही है, जो 19 अगस्त को समाप्त होगी। हर साल श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है। कांवड़ यात्री जिन्हें कांवड़िए कहा जाता है, गंगा नदी से पवित्र जल लाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं। यह जल यहां से लेकर बाद में भगवान शिव को अर्पित करते हैं। कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म में भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रियों के लिए हर बार विशेष इंतज़ाम करती है। कांवड़ यात्रा की यूपी में हेलीकॉप्टर से निगरानी की जाएगी साथ ही कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल भी बरसाया जाएगा। लेकिन इस बार सरकार के एक आदेश से कांवड़ यात्रा को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। ख़ुद सरकार के सहयोगियों ने भी सरकार के आदेश की आलोचना की है।