द लोकतंत्र : आज बजट सत्र के पहले दिन सदन में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सितारामण ने आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार कृषि कानून वापस लाना चाहती है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए चीन को आर्थिक क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही राजनीतिक क्लीन चिट देकर गलवान के शहीदों का अपमान कर चुकी है। खरगे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों के अरमानों का गला घोंटा है।
मोदी सरकार ने 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों के अरमानों का गला घोंटा है
दरअसल, आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, नरेंद्र मोदी जी! आप आज ‘ढाई घंटे तक गला घोंटा’ का विलाप कर रहे थे, पर सच्चाई ये है कि आपकी सरकार ने 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों के अरमानों का गला घोंटा है ! आज का आर्थिक सर्वेक्षण मोदी सरकार की नाकामियों पर चमचमाते हुए खोखले लिफ़ाफ़े की तरह है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस अध्यक्ष ने NEET का मुद्दा उठाते हुए एक्स पोस्ट में लिखा कि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री सदन में झूठ फैलाते हैं और NEET पेपर लीक पर जिम्मेदारी लेने से बचते हैं। उन्होंने आगे लिखा, आज युवाओं का भविष्य अधर में है। बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी पर है और नौकरियों के लिए भगदड़ मच रही है। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए लिखा, कमरतोड़ महंगाई ने देश के परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निम्न स्तर पर कर दी है। खाद्य महंगाई 9.4 फीसदी पर है, अनाज की महंगाई 8.75 फीसदी, दलहन की महंगाई 16.07 फीसदी और सब्जी की महंगाई 29.32 फीसदी पर है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि, आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि चीन से FDI आना चाहिए। मोदी जी ने गलवान में 20 शहीदों का अपमान करते हुए चीन को राजनीतिक Clean Chit दी, आज उनके आर्थिक सर्वेक्षण ने चीन को आर्थिक Clean Chit दे दी है। भारत में चीनी वस्तुओं का आयात 2020 के बाद से 68% बढ़ गया है और चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 75% बढ़ गया है।
किसानों को लेकर उन्होंने लिखा, किसानों की हालत ख़राब है। आज की ही ख़बर कहती है कि अब मोदी सरकार पिछले दरवाज़े से किसान विरोधी तीन काले क़ानून फिर से लागू करना चाहती है। अन्नदाता किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक कृषि आय मात्र ₹5,298 है। साथ ही उन्होंने ग़रीबी का मुद्दा भी उठाया और लिखा, आर्थिक सर्वेक्षण सफ़ेद झूठ बोलकर दावा करता है कि ग़रीबी लगभग ख़त्म हो गई है। सच्चाई ये है कि देश में अमीरों और ग़रीबों के बीच अंतर 100 वर्षों में सबसे अधिक है। Economic Survey ज़मीनी सच्चाई से कोसों दूर हैं, ये देश का हर नागरिक जानता है।