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बज़्म फाउंडेशन और कविकुंभ के तत्वाधान में ‘साझी विरासत’ कार्यक्रम में सजेगी कविताओं की महफ़िल

A gathering of poems will be organized in the 'Shaajhi Virasat' program under the aegis of Bazm Foundation and Kavi Kumbh

द लोकतंत्र / दिल्ली : भारतीय साहित्य और संस्कृति की साझा विरासत को सहेजते हुए, बज़्म फाउंडेशन और कविकुंभ के संयुक्त तत्वाधान में ‘साझी विरासत’ कार्यक्रम का आयोजन रविवार 13 अक्टूबर को किया जाएगा। इस कार्यक्रम में हिन्दी और उर्दू कविताओं की सुंदर प्रस्तुतियों के साथ, भारतीय साहित्य के विविध रंगों को सहेजने का प्रयास होगा। ग़ालिब अकादमी, बस्ती हज़रत निज़ामुद्दीन, दिल्ली में रविवार शाम 04 बजे कवियों और शायरों की महफ़िल सजेगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पवन कुमार, आईएएस होंगे, जबकि अध्यक्षता शिव कुमार बिलगरामी करेंगे। संचालन का दायित्व प्रसिद्ध कवि मोईन शादाब संभालेंगे। बता दें, ‘साझी विरासत’ में कई मशहूर कवि और शायर अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे, जिनमें आलोक अविरल, इरफ़ान आज़मी, राशिदा बाक़ी हया, शाहिद अंजुम, रेणु हुसैन, वसीम राशिद, रंजीता सिंह फ़लक, नील सुनिल, और अनुराग सुशांत जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा, और भी कई कवि इस महफ़िल में अपनी रचनाओं से श्रोताओं को प्रभावित करेंगे।

साहित्य प्रेमियों के लिए अनमोल अवसर
इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी और उर्दू की साहित्यिक परंपराओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करना है। आयोजकों का मानना है कि यह कार्यक्रम दोनों भाषाओं के साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे साझा सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू हो सकेंगे। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी बज़्म फाउंडेशन के संस्थापक ऋषभ सेठ ने दी। उनका कहना है कि ‘साझी विरासत’ साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है, जो हिन्दी और उर्दू साहित्य के प्रेमियों को एकजुट करने का मंच प्रदान करता है।

कार्यक्रम का स्थान और तिथि
ग़ालिब अकादमी, बस्ती हज़रत निज़ामुद्दीन, दिल्ली
रविवार 13 अक्टूबर 2024, शाम 04:00 बजे

यह कार्यक्रम साहित्य प्रेमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसमें वे साहित्य के इन दोनों स्तंभों को करीब से अनुभव कर सकेंगे और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को गहराई से समझ पाएंगे।

Team The Loktantra

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