द लोकतंत्र : भारतीय एयरलाइंस की कंपनियों को बम की धमकियाँ मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। फ्लाइट्स में बम होने की धमकी चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं। इसी क्रम में, शनिवार को 20 से अधिक विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। लगातार मिल रही इन धमकियों के कारण हवाईअड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को जहां चाक-चौबंद कर दिया गया है, वहीं यात्रियों की सुरक्षा जाँच और अन्य गतिविधियों पर भी एजेंसियों ने बारीक नज़रें रखनी शुरू कर दी हैं।
हालाँकि, अबतक मिली सभी धमकियाँ कोरी अफ़वाह साबित हुई हैं लेकिन इससे एक सवाल खड़ा हो गया है। क्या यह धमकियाँ महज अफवाहें हैं, या इन धमकियों के पीछे किसी बड़ी साज़िश को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है?
किस-किस एयरलाइन को मिली धमकी?
एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा एयर, विस्तारा, स्पाइसजेट, स्टार एयर और एलायंस एयर जैसी बड़ी एयरलाइंस को बम की धमकियाँ मिल चुकी हैं। इनमें से कुछ विमानों की आपातकालीन लैंडिंग भी करानी पड़ी। इंडिगो की दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली उड़ानों के साथ जोधपुर से दिल्ली और विस्तारा की उदयपुर से मुंबई जाने वाली फ्लाइट को भी धमकी मिली। दुबई-जयपुर एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को शनिवार तड़के इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हालाँकि, सुरक्षा जांच में बम की धमकी महज अफवाह निकली, मगर इस दौरान 189 यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाया गया।
बढ़ती धमकियाँ क्या महज अफवाह है?
बता दें, अब तक मिली इन धमकियों की जांच में अब तक कोई बम नहीं मिला है, फिर भी यह मामला हल्के में लेने लायक नहीं है। सोर्सेज की मानें पिछले कुछ हफ्तों में लगभग 40 फ्लाइट्स को बम की धमकियाँ मिल चुकी हैं। हालाँकि यह सभी धमकियाँ झूठी साबित हुई हैं, लेकिन इनकी वजह से विमानों को डायवर्ट या रद्द करना पड़ा, जिससे विमान यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है।
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फ्लाइट्स में बम की धमकियों की बढ़ती संख्या ने सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अलर्ट कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अफवाहें शायद किसी बड़ी साज़िश की ओर इशारा कर रही हैं। बार-बार मिल रही झूठी धमकियाँ सुरक्षा एजेंसियों के लिए सरदर्द का सबब बन गई है। संभावना है कि झूठी धमकियों के पीछे सुरक्षा एजेंसियों को मानसिक तौर पर निष्क्रिय करने की योजना हो जिससे बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए गैप बनाया जा सके। यह भी हो सकता है कि लगातार धमकियों के जरिए सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया समय और उसकी गंभीरता का आकलन किया जा रहा हो, ताकि किसी वास्तविक हमले की योजना बनाई जा सके।
क्या कदम उठा रही हैं एजेंसियाँ?
लगातार बढ़ रही धमकियों को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है। खबरों के अनुसार, बम की झूठी धमकियाँ देने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालने पर विचार किया जा रहा है। इससे ऐसे व्यक्ति फ्लाइट में उड़ान नहीं भर सकेंगे। साथ ही, सुरक्षा जांच को और सख्त तथा एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा चाक चौबंद और मॉक ड्रिल्स बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।