द लोकतंत्र : झारखंड विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच बीजेपी ने 66 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई दिग्गजों के साथ-साथ नए चेहरे भी शामिल हैं। बीजेपी के टिकट बँटवारे का पैटर्न यह बताता है कि बीजेपी राज्य की राजनीति में सभी समीकरणों को साधने की क़वायद में है। बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को धनवार से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को सरायकेला से टिकट दिया गया है।
बता दें, चम्पाई सोरेन ने पिछले चुनाव में जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार वह बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को भी घाटशिला से टिकट दिया गया है। इसके अलावा, गीता बालमुचू, पूर्व सांसद गीता कोड़ा और मीरा मुंडा जैसे प्रमुख नेताओं को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने झारखंड के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।
जेएमएम से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को भी टिकट
बीजेपी ने आदिवासी और पिछड़े वर्ग के वोटरों को साधने के लिए विशेष ध्यान दिया है। जेएमएम से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को भी टिकट दिया गया है। लोबिन हेम्ब्रम, जिन्होंने हाल ही में जेएमएम से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा था उन्हें बोरियो से उम्मीदवार बनाया गया है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लोबिन हेम्ब्रम को टिकट आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी तरह, जामताड़ा से सीता सोरेन को टिकट दिया गया है। बीजेपी की में, रांची से सीपी सिंह और हटिया से नवीन जायसवाल, रागिनी सिंह और बाबूलाल सोरेन का नाम भी शामिल है।
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बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रमुख आदिवासी नेताओं को टिकट दिया है, वहीं पिछड़े वर्ग और महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। नीरा यादव को कोडरमा से और मंजू देवी को जमुआ से टिकट देकर बीजेपी ने महिलाओं को सशक्त करने का संदेश भी दिया है। हालांकि, राज्य में जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन के कारण बीजेपी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। झारखंड में जेएमएम की मजबूत पकड़ और कांग्रेस के साथ गठबंधन से मुकाबला करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। इसके अलावा, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के वोटों को अपने पक्ष में करना बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।
झारखंड के सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, बीजेपी ने एक संतुलित और रणनीतिक उम्मीदवारों की सूची जारी की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी की यह रणनीति आगामी चुनावों में कितनी कारगर साबित होती है, और क्या वह झारखंड की सत्ता में वापसी कर पाएगी।