क्या ‘LGBTQ समुदाय’ को लेकर सिनेमा बदल सकता है समाज का नजरिया?
द लोकतंत्र / अखिलेश कुमार मौर्य : सिनेमा एक श्रव्य दृश्य माध्यम है, जिस कारण जो लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं उन पर भी फिल्मों का गहरा असर पड़ता है। इसी वजह से सिनेमा को समाज में अपनी भूमिका समझते हुए वृहद स्तर पर ऐसे विषयों को उठाना चाहिए जो हाशिये पर जिंदगी जीने को मजबूर […]