द लोकतंत्र : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में जमा पैसा किसी भी वेतनभोगी व्यक्ति के लिए निश्चित रूप से एक बड़ा वित्तीय सुरक्षा कवच होता है। आपातकाल या ज़रूरत पड़ने पर जब कोई सदस्य पूरी राशि के लिए आवेदन करता है लेकिन उसे कम पैसा मिलता है, तो वह भ्रमित हो सकता है। इसका कारण EPFO के तहत तय किए गए निकासी के विभिन्न नियम हैं, जो ज़रूरत के आधार पर निकासी की सीमा (Limit) तय करते हैं। हाल के वर्षों में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इन नियमों को सरल बनाया है, खासकर महामारी के दौरान, ताकि आपातकालीन ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
विशेष ज़रूरतों पर निकासी की सीमा
EPFO के नियमों में आमतौर पर दो प्रकार की निकासी होती है—आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) और पूर्ण निकासी (Full Withdrawal)।
- बीमारी और इलाज: यदि सदस्य या उसके परिवार में किसी को गंभीर बीमारी होती है, तो इलाज के लिए जमा राशि का 100% तक निकाला जा सकता है। यह प्रावधान जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
- घर खरीदना या मरम्मत: आवास की ज़रूरत के लिए सदस्य अपने खाते में जमा राशि का 90% तक निकाला सकते हैं। यह सुविधा आमतौर पर एक निश्चित सेवा काल पूरा करने के बाद मिलती है।
- शिक्षा या शादी: अपनी, बच्चों या भाई-बहन की शादी या शिक्षा के लिए सदस्य अपने योगदान (कर्मचारी का हिस्सा) और उसपर मिले ब्याज का 75% तक निकाल सकते हैं।
सेवाकाल और नौकरी छोड़ने पर नियम
सेवा काल के दौरान और नौकरी छोड़ने के बाद निकासी के नियम अलग होते हैं।
- नौकरी के बीच में निकासी: अगर किसी कर्मचारी ने 12 महीने की सेवा पूरी कर ली है, तो वह कुल जमा राशि का 75% तक निकाल सकता है, जिसमें 25% राशि जमा रहती है। यह व्यवस्था कर्मचारी को बड़ी आपातकालीन ज़रूरतों के समय आंशिक सहारा देने के लिए बनाई गई है।
- नौकरी छोड़ने के बाद नियम: यदि कोई सदस्य नौकरी छोड़ देता है और दो महीने तक बेरोजगार रहता है, तो वह अपना पूरा EPF और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) खाता बंद करके पूरी राशि निकाल सकता है। नए नियमों के तहत 12 महीने की सेवा पूरी होने पर भी कुछ शर्तों के साथ 100% निकासी संभव है, जो पहले 5-7 साल की सेवा के बाद ही मिलती थी।
- रिटायरमेंट: सेवानिवृत्ति के बाद सदस्य बिना किसी प्रतिबंध के जमा राशि का 100% निकासी कर सकते हैं।
यह स्पष्ट है कि आवेदन के समय ज़रूरत की प्रकृति और निकासी की सीमा का ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि सदस्य को कम पैसा मिलने पर भ्रम न हो। निकासी के नए नियमों से वित्तीय ज़रूरतों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना आसान हो गया है।

