द लोकतंत्र : प्रत्येक नौकरीपेशा व्यक्ति की सैलरी स्लिप में ‘टैक्स डिडक्शन’ वह हिस्सा होता है, जो उसकी खुशी को कम कर देता है। जहाँ एक भारतीय करदाता अक्सर टैक्स के बोझ की शिकायत करता है, वहीं वैश्विक स्तर पर कई ऐसे देश हैं जो अपने कर्मचारियों से आयकर (Income Tax) के नाम पर एक रुपया भी नहीं लेते। इसके विपरीत, यूरोप के कई खुशहाल देश अपनी आधी से अधिक कमाई सरकारी खजाने में ले लेते हैं। यह वित्तीय भूगोल दुनिया भर के पेशेवरों और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।
टैक्स-फ्री देशों का स्वर्ग
खाड़ी देशों (Gulf Nations) को करदाताओं के लिए स्वर्ग माना जाता है, जहाँ सैलरी पर शून्य प्रतिशत टैक्स लगता है:
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE): दुबई और अबू धाबी जैसे शहर इनकम टैक्स फ्री हैं, यही कारण है कि दुनिया भर के प्रोफेशनल्स यहाँ बड़ी संख्या में स्थानांतरित होते हैं।
- पड़ोसी देश: सऊदी अरब भी इनकम टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स से मुक्त है। कुवैत में तो इनकम टैक्स के साथ-साथ विरासत (Inheritance) और गिफ्ट टैक्स भी नहीं लगता है, जो इसे लंबी अवधि के प्रवासियों के लिए आकर्षक बनाता है।
- अन्य टैक्स-मुक्त क्षेत्र: बहरीन और कतर में भी आपकी कमाई पर कोई आयकर नहीं लगता। ये देश अपनी आय मुख्य रूप से इनडायरेक्ट टैक्स (अप्रत्यक्ष कर), जैसे वैट (VAT) और स्टांप ड्यूटी से अर्जित करते हैं।
- ओमान का अपवाद: हालाँकि, ओमान 2028 से उच्च आय वर्ग पर 5% टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है, जो अभी भी वैश्विक मानकों की तुलना में बहुत कम है।
उच्च टैक्स वाले यूरोपीय देश
यूरोप के कई विकसित देश अपने नागरिकों से भारी भरकम कर वसूलते हैं, जिसके बदले में वे उच्च-स्तरीय सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रदान करते हैं:
- सर्वाधिक टैक्स दरें: फिनलैंड में टैक्स की सबसे ऊंची दर 57.65% है। इसके बाद जापान (55.95%), डेनमार्क (55.9%) और ऑस्ट्रिया (55%) का स्थान है।
- 50% के करीब: स्वीडन (52%), बेल्जियम, नीदरलैंड और पुर्तगाल जैसे देशों में भी लोग अपनी गाढ़ी कमाई का लगभग 50% हिस्सा टैक्स के रूप में चुकाते हैं।
- यूके की जटिलता: लंदन (यूके) में अधिकतम टैक्स दर 45% तक जाती है, और इसके अलावा हर सामान पर 20% वैट अलग से देना पड़ता है, जिससे रहना और कमाना दोनों खर्चीला हो जाता है।
एशियाई और अमेरिकी परिदृश्य
- अमेरिका: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में टैक्स की अधिकतम दर 37% है, जो यूरोपीय देशों की तुलना में काफी कम बोझिल है।
- चीन और पड़ोसी: हमारा पड़ोसी चीन अपनी अधिकतम दर 45% के साथ टैक्स वसूली में भारत से आगे है। पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मैक्सिको में यह दर 35% है, जबकि बांग्लादेश में यह तुलनात्मक रूप से कम 25% है।
यह तुलनात्मक अध्ययन स्पष्ट करता है कि व्यक्तिगत वित्तीय स्वतंत्रता और उच्च सामाजिक सुरक्षा के बीच एक सीधा ट्रेड-ऑफ मौजूद है, जहाँ टैक्स दरें किसी भी देश के नागरिकों की जीवनशैली को सीधे प्रभावित करती हैं।

