द लोकतंत्र : इस वर्ष सोने की कीमतों में दर्ज की गई निरंतर मज़बूती ने वैश्विक वित्तीय बाज़ार का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पीली धातु जनवरी से लेकर अब तक लगभग हर महीने बढ़त के साथ आगे बढ़ी है और यह 1979 के बाद अपने सबसे मजबूत सालाना प्रदर्शन की ओर अग्रसर है। एमसीएक्स (MCX) पर 5 फरवरी डिलीवरी वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में सोमवार को ₹700 से अधिक की भारी तेजी दर्ज हुई। सोना अपने पिछले बंद भाव ₹1,27,667 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चढ़कर ₹1,28,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे का स्पष्ट संकेत है।
फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति का प्रभाव
सोने की इस तेज़ रैली के पीछे मुख्य उत्प्रेरक (Key Catalyst) अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दरें घटाने की बढ़ती संभावनाएँ हैं।
- ब्याज दर और सोना: जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बिना ब्याज वाले एसेट (Non-Yielding Assets) जैसे सोने में निवेश बढ़ जाता है, क्योंकि बॉन्ड या बचत खातों पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है।
- अनिश्चितता का लाभ: ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण आर्थिक आंकड़ों के समय पर जारी न होने से बाज़ार में अनिश्चितता और भी बढ़ गई है। इस अनिश्चित माहौल का सीधा फायदा सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $4,170 प्रति औंस के स्तर पर पहुँच गया, जिसमें सिर्फ एक हफ्ते में 2% से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई।
गोल्ड की मज़बूती के संस्थागत कारण
सोने की लगातार मज़बूती केवल मौद्रिक नीति पर निर्भर नहीं है, बल्कि इसके गहरे संस्थागत और निवेशक विश्वास पर भी आधारित है।
- ईटीएफ में इनफ्लो: पिछले तीन हफ्तों से गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में लगातार इनफ्लो देखने को मिल रहा है, जो यह दर्शाता है कि खुदरा और संस्थागत निवेशक दोनों ही सोने को लंबी अवधि के लिए सुरक्षित मान रहे हैं।
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी सोने की खरीदारी में काफी आक्रामक हैं। तीसरी तिमाही में सेंट्रल बैंकों ने कुल 220 टन सोना खरीदा, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 10% ज्यादा है। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने को रिजर्व एसेट के रूप में बढ़ाना सोने की कीमत को संरचनात्मक सपोर्ट प्रदान करता है।
चांदी भी चमकी: बहुमूल्य धातुओं में तेजी
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमत में भी सोमवार को अच्छी तेजी दर्ज की गई। एमसीएक्स पर 5 मार्च डिलीवरी वाली चांदी ₹1,944 की उछाल के साथ ₹1,67,931 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी। सोने और चांदी दोनों में लगातार मजबूती यह स्पष्ट करती है कि निवेशक वैश्विक माहौल में अनिश्चितता और मुद्रास्फीति (Inflation) के दबाव के बीच सुरक्षित निवेश (Safe Haven) को प्राथमिकता दे रहे हैं।

