द लोकतंत्र : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दूसरे दिन (5 दिसंबर 2025), दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को एक नया आयाम मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई सार्थक बातचीत के परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो रूस-भारत सहयोग की व्यापकता को दर्शाते हैं। पुतिन ने बातचीत के महत्व को स्वीकारते हुए नियमित संवाद बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।
$100 बिलियन का लक्ष्य और FTA की दिशा में कदम
दोनों नेताओं ने संयुक्त आर्थिक विजन-2030 पर जोर दिया और वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार टर्नओवर को $100 बिलियन के आंकड़े तक पहुँचाने का महात्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA): पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस मीट में बताया कि भारत और रूस ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं के स्ट्रेटेजिक एरिया में सहयोग बढ़ाने का प्लान पक्का किया है। दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ FTA के शीघ्र निष्कर्ष के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिससे व्यापार संबंधों को नई ताकत मिलेगी।
डील के प्रमुख क्षेत्र और समझौते
इस दौरे के दौरान कई अहम सेक्टरों पर डील और एमओयू साइन किए गए, जो द्विपक्षीय सहयोग की विविधता दर्शाते हैं:
- ऊर्जा और खनिज: रूस ने भारत को तेल, कोयला और गैस का ‘भरोसेमंद सप्लायर’ बने रहने और एनर्जी की ‘बिना रुकावट सप्लाई’ जारी रखने का आश्वासन दिया। भारत और रूस आर्कटिक, शिपिंग, महत्वपूर्ण खनिज और जहाज निर्माण में सहयोग को मजबूत करेंगे।
- कृषि और उर्वरक: दोनों देशों ने कृषि सेक्टर के प्रमुख उर्वरक यूरिया का संयुक्त उत्पादन करने पर सहमति जताई है, जो भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है।
- मानव संसाधन और शिक्षा: लेबर एक्टिविटी, स्वास्थ्य शिक्षा (मेडिकल एजुकेशन), और भारत से काम करने के लिए लोगों के रूस जाने को लेकर एमओयू साइन हुए।
- कनेक्टिविटी और सेवाएं: शिपिंग, ट्रांसपोर्ट, कस्टम मामले और डाक सेवा पर भी बातचीत हुई।
लोगों से लोगों का जुड़ाव और वैश्विक रुख
पीएम मोदी ने दोनों देशों के लोगों के बीच के जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए रूसी नागरिकों को निशुल्क 30 दिनों का टूरिस्ट वीजा देने की घोषणा की।
वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन में शांति के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करता है। यह दौरा निश्चित रूप से दोनों देशों की मैत्री को और मजबूत करेगा तथा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करेगा।

