द लोकतंत्र : जहां भारत के बड़े शहरों, खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में, अपना आशियाना खरीदना आम आदमी के लिए एक महंगा सपना बन गया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय निवेशक तेजी से पड़ोसी देश दुबई के प्रॉपर्टी बाजार की ओर रुख कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में दुबई के रियल एस्टेट मार्केट में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जिसमें भारतीय निवेशकों ने सबसे बड़ा योगदान दिया है।
आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों का यह रुझान सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों के लोग भी अब दुबई में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं।
2024 में भारतीयों ने किया ₹84,000 करोड़ से ज्यादा का रिकॉर्ड निवेश
टीवी 9 भारतवर्ष में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय निवेशकों ने 2024 में दुबई में 35 बिलियन दिरहम से ज्यादा का निवेश किया है, जो भारतीय मुद्रा में 84 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।
- निवेश का उछाल: इस साल की पहली छमाही में दुबई में कुल निवेश का आंकड़ा बढ़कर 431 बिलियन दिरहम हो गया, जो सालाना स्तर पर 25 प्रतिशत की बड़ी बढ़त को दिखाता है। यह साफ दर्शाता है कि भारतीयों का रुझान दुबई के रियल एस्टेट बाजार में लगातार बढ़ रहा है।
- लंबा रिकॉर्ड: 2015 से 2023 के बीच भारतीयों ने दुबई में 120 बिलियन दिरहम से अधिक का निवेश किया है।
निवेशक क्यों हो रहे हैं आकर्षित?
भारतीय निवेशकों के दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट की ओर आकर्षित होने के पीछे कई बड़े कारण हैं, जो इसे दिल्ली, मुंबई जैसे महंगे भारतीय बाजारों से भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं:
1. टैक्स-फ्री (Tax-Free) अर्थव्यवस्था
दुबई में प्रॉपर्टी में निवेश करने का सबसे बड़ा कारण वहां का टैक्स-फ्री होना है।
- कोई इनकम टैक्स नहीं: दुबई में किसी भी तरह का इनकम टैक्स (Income Tax) नहीं लगता है।
- अन्य टैक्स से छूट: इसके साथ ही, निवेशकों को प्रॉपर्टी बेचने पर प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) और कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) भी नहीं देना होता है। यह नियम बड़े निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद है।
2. आसान भुगतान योजनाएं (Payment Plans)
दुबई की प्रॉपर्टी कंपनियों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के ऑफर और लचीली भुगतान योजनाएं पेश की हैं।
- आसान EMI: रिपोर्ट्स के अनुसार, दिवाली 2024 के आसपास भारत से इंक्वायरी और बुकिंग में तेज उछाल आया था, जिसका एक कारण 1 प्रतिशत मासिक भुगतान योजना (Monthly Payment Plan) जैसे आकर्षक ऑफर्स थे। इससे छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी आसानी से निवेश कर पा रहे हैं।
3. स्थिरता और उच्च रिटर्न
दुबई को राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिर माना जाता है। साथ ही, वहां के रियल एस्टेट बाजार में तेजी से उछाल आ रहा है, जिससे निवेशकों को उच्च किराये की आय (Rental Yields) और संपत्ति के मूल्य में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद रहती है।
इन सभी कारणों को देखते हुए, दुबई का रियल एस्टेट बाजार भारतीय निवेशकों के लिए न केवल एक सुरक्षित ठिकाना बन रहा है, बल्कि यह उन्हें भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा टैक्स-फ्री रिटर्न कमाने का मौका भी दे रहा है।
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी सामान्य आर्थिक रिपोर्टों और वित्तीय जानकारियों पर आधारित है। ‘द लोकतंत्र’ किसी भी निवेश की पुष्टि नहीं करता है और न ही वित्तीय लाभ की गारंटी देता है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।)

