द लोकतंत्र: चीन के तियानजिन शहर में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में सोमवार को एक अहम नजारा देखने को मिला। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समिट के औपचारिक सत्र के बाद एक ही कार में बैठे और बाहर निकले। इस दृश्य ने भारत-रूस रिश्तों की मजबूती का एक खास संदेश दिया।
सोशल मीडिया पर साझा की तस्वीर
पीएम मोदी ने इस मौके की एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की। उन्होंने लिखा – “SCO समिट के कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं साथ में हमारी द्विपक्षीय बैठक के स्थल तक गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ही ज्ञानवर्धक रहती है।” इस तस्वीर को भारत-रूस संबंधों के गहरे सहयोग का प्रतीक माना जा रहा है।
द्विपक्षीय बैठक की तैयारी
दोनों नेताओं के बीच जल्द ही औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और व्यापार पर चर्चा तेज है। खास बात यह भी है कि अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर दबाव बनाया है, ऐसे में यह बैठक कूटनीतिक दृष्टि से अहम मानी जा रही है।
रविवार को मोदी-शी मुलाकात
SCO समिट की शुरुआत रविवार को हुई, जिसके बाद पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने आपसी रिश्तों और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। यह बातचीत भारत, रूस और अमेरिका के बदलते समीकरणों के बीच महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेत मानी जा रही है।
SCO समिट का महत्व
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एशिया का एक प्रमुख बहुपक्षीय मंच है। इसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देश शामिल हैं। इस मंच का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
इस बार की बैठक में आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। तियानजिन में चल रहा यह शिखर सम्मेलन मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में बेहद अहम माना जा रहा है।
तियानजिन में SCO समिट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत-रूस रिश्ते वैश्विक राजनीति में मजबूत आधार पर खड़े हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात आने वाले दिनों में दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।