द लोकतंत्र : शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए संतुलित आहार अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, पोषण विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ सही खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना ही पर्याप्त नहीं है; उनका सेवन किस समय और किस प्रकार किया जाता है, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। गलत तरीके से खाए गए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ भी शरीर को पूरा फायदा नहीं पहुँचा पाते और पाचन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। सही खाद्य प्रबंधन से न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण (Absorption) अधिकतम होता है।
बीज, मेवे और अनाज खाने का सही तरीका
गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर डायटिशियन फारेहा शानम के अनुसार, कुछ सामान्य खाद्य पदार्थों के सेवन के तरीके में सुधार लाने की ज़रूरत है।
- मूंगफली और अलसी: मूंगफली को हमेशा उसकी स्किन के साथ खाना चाहिए, क्योंकि स्किन में भी महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। मसालेदार या पैकेटबंद मूंगफली से परहेज करना चाहिए। इसी तरह, अलसी (Flaxseeds) से ओमेगा-3 का पूरा लाभ लेने के लिए इसे या तो भिगोकर खाएं या फिर ग्राइंड करके ही इस्तेमाल करें।
- बादाम और चिया सीड्स: बादाम को हमेशा रात भर भिगोकर सुबह छिलका उतारकर ही खाना चाहिए। भिगोने से छिलके से टैनिन और एंजाइम अवरोधक निकल जाते हैं, जो पाचन को आसान बनाते हैं। चिया सीड्स को भी बिना भिगोए नहीं खाना चाहिए वरना ब्लोटिंग हो सकती है।
- अनाज के साथ घी: बाजरा, मक्का, ज्वार और रागी जैसे भारी अनाज की रोटी खाते समय थोड़ा सा देसी घी ज़रूर लें। घी इन प्रोटीन युक्त अनाजों को पचाने में मदद करता है और कब्ज से बचाता है।
सब्जियों और फलों के सेवन में सावधानियाँ
भोजन को पकाने के तरीके और सेवन के समय का भी सेहत पर गहरा असर पड़ता है।
- ब्रोकली और स्प्राउट्स: ब्रोकली को उबालने के बजाय हल्का स्टीम या ब्लांच करना बेहतर है ताकि उसके न्यूट्रिएंट्स नष्ट न हों। स्प्राउट्स को भी कच्चा खाने से बचना चाहिए क्योंकि उसमें बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है; उन्हें भी थोड़ा सा स्टीम या ब्लांच करके खाएं।
- टमाटर और सेब: एसिडिक नेचर वाले लोगों को कच्चे टमाटर, खासकर रात में, खाने से परहेज करना चाहिए ताकि एसिड रिफ्लक्स न हो। सेब को हमेशा छिलके समेत खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलके पोषक तत्वों का खजाना होते हैं।
- हल्दी वाला दूध: हालांकि हल्दी वाला दूध नींद के लिए फायदेमंद है, लेकिन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से पीड़ित लोगों को रात में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए यह समझना ज़रूरी है कि आपके भोजन की गुणवत्ता उसकी तैयारी और सेवन की प्रक्रिया पर भी निर्भर करती है।

