द लोकतंत्र : देश के विभिन्न हिस्सों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का लगातार बढ़ता स्तर न केवल सांस से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा रहा है, बल्कि इसका असर अब लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और खाने-पीने की आदतों (Dietary Habits) पर भी दिखने लगा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण कई लोगों को भोजन कम स्वादिष्ट लगने लगा है, जिससे भूख घटने और नॉज़िया यानी मिचली की शिकायतें बढ़ रही हैं। यह प्रदूषण शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया को प्रभावित करके खानपान से जुड़ी कई असहजता पैदा कर रहा है।
सूंघने की क्षमता और पाचन तंत्र पर हमला
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट और हेपेटो-बिलियरी सर्जरी विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. उषस्त धीर ने इस विषय पर गहन जानकारी दी है। उनके अनुसार, प्रदूषण में मौजूद अति सूक्ष्म कण (PM2.5), धुआं और हानिकारक केमिकल्स सीधे हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
- स्वाद में कमी: प्रदूषक तत्व नाक की सूंघने की क्षमता को कमजोर करते हैं, जिससे भोजन की सुगंध और स्वाद हल्का लगने लगता है, और खाने में रुचि घट जाती है।
- पाचन प्रक्रिया में सुस्ती: प्रदूषित हवा पेट और आंतों में सूजन बढ़ाती है, जिसे ‘गट इन्फ्लेमेशन’ कहा जाता है। इससे पाचन प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप भूख कम लगती है और मिचली की शिकायत बढ़ जाती है। लंबे समय तक यह स्थिति ऊर्जा और पोषण की कमी पैदा कर सकती है।
प्रदूषण और ‘गट माइक्रोबायोम’ का असंतुलन
प्रदूषण का सबसे गहरा असर हमारे आंत में मौजूद सूक्ष्म जीवों के समूह यानी ‘गट माइक्रोबायोम’ पर पड़ता है।
- अच्छे बैक्टीरिया की कमी: जब हम प्रदूषित हवा में मौजूद महीन कणों को सांस के साथ अंदर लेते हैं, तो ये धीरे-धीरे आंतों तक पहुंचकर अच्छे बैक्टीरिया की संख्या घटाने लगते हैं और खराब बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। इस असंतुलन को ‘गट डिस्बायोसिस’ कहा जाता है।
- गट-ब्रेन कनेक्शन: गट और दिमाग के बीच सीधे जुड़ाव के कारण, यह असंतुलन न केवल पाचन को कमजोर करता है, बल्कि मूड, ऊर्जा और नॉज़िया जैसे लक्षण भी बढ़ा सकता है।
बचाव के लिए जरूरी कदम
इस अदृश्य खतरे से बचने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ जरूरी कदम सुझाए हैं।
- सुरक्षा उपाय: बाहर निकलते समय हमेशा N95 मास्क का इस्तेमाल करें। घर के अंदर की हवा को साफ रखने के लिए नियमित सफाई और वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
- आहार में बदलाव: दही, फल और फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करके गट माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखें।
- डिटॉक्सिफिकेशन पर ध्यान: शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए दिनभर खूब पानी पिएं। हल्दी, अदरक और विटामिन सी जैसे तत्वों के सेवन से इम्यूनिटी मजबूत करें।

