द लोकतंत्र : देश के कई हिस्सों में अब सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है। ठंडी हवाओं के साथ ही शरीर को भीतर से गर्म और मजबूत रखने की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऐसे में भारतीय आहार और आयुर्वेद में कई पारंपरिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी जाती है, जिनमें काली किशमिश (Black Raisins) प्रमुख है। पोषण से भरपूर यह सूखा मेवा, जिसमें आयरन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
किशमिश, जो कि सूखे अंगूरों का एक प्रकार है, कई रूपों (काली, सुनहरी, लाल और हरी) में उपलब्ध होती है। इन सभी में काली किशमिश को सबसे अधिक पौष्टिक माना जाता है। आयुर्वेद में भी इसे ‘उत्तम’ श्रेणी में रखा गया है, जिसे शरीर को ऊर्जा और गर्माहट प्रदान करने के लिए जाना जाता है। सर्दियों में इसे खाने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि ठंडे मौसम से लड़ने के लिए शरीर को अतिरिक्त आंतरिक शक्ति मिल सके।
यद्यपि कोई सरकारी दिशानिर्देश केवल काली किशमिश पर केंद्रित नहीं है, लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य स्वास्थ्य संगठन हमेशा पारंपरिक पौष्टिक मेवों और सूखे फलों को आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल जैसी विशेषज्ञ भी इस बात की पुष्टि करती हैं कि काली किशमिश अत्यंत पौष्टिक होती है और शरीर को गर्म रखने में मदद करती है, जो शीत ऋतु के लिए आवश्यक है।
विशेषज्ञों की राय: स्वास्थ्य के लिए वरदान
न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने काली किशमिश के कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला है:
- एनीमिया में लाभ: यह आयरन का एक समृद्ध स्रोत है, जिसकी वजह से यह शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है। एनीमिया से ग्रसित लोगों के लिए इसका नियमित सेवन किसी वरदान से कम नहीं है।
- पाचन तंत्र में सुधार: काली किशमिश में पाया जाने वाला फाइबर डाइजेशन को बेहतर बनाए रखता है। इसका सेवन खाली पेट करने पर गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी आम समस्याओं से राहत मिलती है।
- इम्यूनिटी बूस्ट: सर्दियों में इम्यूनिटी अक्सर कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। काली किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: इसमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे अत्यधिक भोजन से बचाव होता है। साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) की समस्या को कम करने में भी सहायक है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
सेवन की विधि: भीगी किशमिश है सर्वोत्तम
विशेषज्ञों का कहना है कि काली किशमिश को खाने का सबसे फायदेमंद तरीका इसे भिगोकर खाना है।
- विधि: सर्दियों में आप इसे रात में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
- मात्रा: एक व्यक्ति के लिए 2 किशमिश (या विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार) खाना पर्याप्त है।
- अतिरिक्त लाभ: आप चाहें तो भिगोई हुई किशमिश का पानी भी पी सकते हैं, क्योंकि इसमें भी कई पोषक तत्व घुल जाते हैं।
काली किशमिश एक पोषक पावरहाउस है जो विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुँचाती है। एनीमिया से लेकर इम्यूनिटी और पाचन तक, इसके लाभ इसे दैनिक आहार का एक अनिवार्य हिस्सा बनाते हैं। इसे संतुलित मात्रा में और भिगोकर खाने से इसके अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

