द लोकतंत्र: जब भी हम डॉक्टर के पास ब्लड प्रेशर चेक कराने जाते हैं तो अक्सर देखा होगा कि कभी एक हाथ में BP मशीन लगाई जाती है और कभी दूसरे हाथ में। कई बार दोनों हाथों की रीडिंग अलग-अलग आती है, जिससे लोग घबरा जाते हैं। लेकिन क्या यह वाकई खतरे का संकेत है या सामान्य बात? आइए विस्तार से समझते हैं।
दोनों हाथों के BP में फर्क क्यों आता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हेल्दी व्यक्तियों में भी दोनों हाथों की ब्लड प्रेशर रीडिंग में थोड़ा बहुत फर्क आ सकता है। अगर यह अंतर 10 mmHg तक है तो इसे सामान्य माना जाता है। यानी अगर एक हाथ में BP 122/78 और दूसरे में 128/80 है तो चिंता करने की जरूरत नहीं।
लेकिन अगर दोनों हाथों की रीडिंग में बार-बार 10–15 mmHg से ज्यादा का फर्क आ रहा है, खासकर सिस्टोलिक (ऊपरी) नंबर में, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
कब बन सकता है खतरे का संकेत?
Peripheral Artery Disease (PAD): इसमें हाथ की धमनी में ब्लॉकेज आ जाता है, जिससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है।
Aortic Dissection: यह बेहद गंभीर स्थिति होती है जिसमें दिल से निकलने वाली बड़ी धमनी में दरार आ जाती है। इसके साथ तेज सीने में दर्द जैसे लक्षण होते हैं और यह मेडिकल इमरजेंसी है।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
सिस्टोलिक BP में 10 mmHg और डायस्टोलिक में 5 mmHg तक का अंतर सामान्य है।
अगर सिस्टोलिक BP में 15 mmHg से ज्यादा का फर्क आ रहा है तो यह वेस्कुलर डिजीज का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।
मेडिकल गाइडलाइंस क्या कहती हैं?
हाई रिस्क पेशेंट्स या नए मरीजों का BP दोनों हाथों में मापा जाता है।
अगर एक हाथ में BP लगातार ज्यादा आता है तो आगे से उसी हाथ की रीडिंग को मानक माना जाता है।
घर पर कैसे करें दोनों हाथों का BP चेक?
5 मिनट शांत बैठें।
पहले एक हाथ में BP मापें।
फिर 1 मिनट बाद दूसरे हाथ में मापें।
रीडिंग्स नोट करें और अगर बार-बार 10–15 mmHg से ज्यादा अंतर आए तो डॉक्टर से सलाह लें।
दोनों हाथों में थोड़ा बहुत BP का फर्क सामान्य है। लेकिन अगर यह अंतर बार-बार ज्यादा हो रहा है तो यह शरीर का अलार्म हो सकता है। इसलिए अगली बार डॉक्टर अगर दोनों हाथों में BP चेक करें तो समझिए कि यह आपकी हेल्थ से जुड़ी जरूरी जांच का हिस्सा है।