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नीले, हरे और सफेद अंडे में क्या है फर्क? जानें कौन सा अंडा है ज्यादा फायदेमंद

द लोकतंत्र: अंडा दुनियाभर में सबसे ज़्यादा खाया जाने वाला सुपरफूड है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। आमतौर पर हम सफेद या भूरे अंडे खाते हैं, लेकिन अब बाजार में नीले और हरे रंग के अंडे भी देखने को मिल रहे हैं। ये देखने में आकर्षक जरूर होते हैं, लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या रंगीन अंडे ज्यादा पौष्टिक होते हैं? क्या इनका प्रोटीन स्तर ज्यादा होता है? आइए जानते हैं इनके बीच के अंतर और सेहत पर असर।

नीले और हरे अंडे कहां से आते हैं?
नीले और हरे अंडे विशेष नस्ल की मुर्गियों से मिलते हैं।
नीले अंडे : अराउकाना (Araucana) नस्ल की मुर्गियों से
हरे अंडे : ओलिव एगर (Olive Egger) नस्ल की मुर्गियों से
इन अंडों का रंग उनके जीन और पित्त पिगमेंट (Bile Pigment) की वजह से होता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक होता है और इनमें कोई रासायनिक मिलावट नहीं होती।

क्या अंडे का रंग पोषण को प्रभावित करता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अंडे का रंग उसके पोषण मूल्य को प्रभावित नहीं करता।
सफेद, भूरा, नीला या हरा, सभी अंडों में मुख्य पोषक तत्व जैसे कि
6-7 ग्राम प्रोटीन
70-75 कैलोरी
विटामिन A, B12, D
आयरन और सेलेनियम लगभग समान मात्रा में पाए जाते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड में थोड़ा अंतर
नीले और हरे अंडे आमतौर पर फ्री-रेंज मुर्गियों से आते हैं, जिन्हें खुले में प्राकृतिक भोजन मिलता है। ऐसे में इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा थोड़ी अधिक हो सकती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह अंतर बहुत बड़ा नहीं होता।

क्या प्रोटीन में फर्क होता है?
नहीं, प्रोटीन की मात्रा लगभग सभी रंगों के अंडों में समान होती है।
रंग से पोषण नहीं बदलता केवल अंडे के छिलके का रंग और कभी-कभी ओमेगा-3 में थोड़ा अंतर होता है।

किसे चुनें?
यदि आप ऑर्गेनिक और प्राकृतिक उत्पाद पसंद करते हैं तो नीले या हरे अंडे चुन सकते हैं। लेकिन बजट और उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सफेद या भूरे अंडे भी उतने ही फायदेमंद हैं।

महत्वपूर्ण बात: अंडा चाहे किसी भी रंग का हो, उसे सही तरीके से पकाकर संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। यह सभी अंडे प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के बेहतरीन स्रोत होते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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