द लोकतंत्र : देशभर में शारदीय नवरात्रि का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और कई भक्त व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान दिनभर में केवल फलाहार का सेवन किया जाता है, जिसमें कुट्टू का आटा प्रमुख रूप से शामिल होता है। लोग इसे रोटी, पकोड़े, चीला और हलवा बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कई लोगों को इसे खाने के बाद गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
होलिस्टिक डायटीशियन और इंटीग्रेटिव थेरेप्यूटिक न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर गीतिका चोपड़ा के अनुसार, कुट्टू का आटा ग्लूटेन फ्री होता है और इसमें हाई फाइबर और रेसिस्टेंट स्टार्च मौजूद होता है। ये कम्पाउंड्स बड़े आंत में बैक्टीरिया के साथ फर्मेंट होकर गैस और ब्लोटिंग की समस्या पैदा कर सकते हैं। खासकर व्रत के दौरान लोग इसे डीप फ्राई करके पूरी या पकोड़े बनाते हैं, जिससे डाइजेशन और भी धीमा हो जाता है।
गैस की समस्या से बचने के लिए एक्सपर्ट का सुझाव है कि कुट्टू का आटा रोस्ट करके इस्तेमाल करें। इसके अलावा फ्राई करने की बजाय इसे चीला या डोसा बनाकर खाएं। खाने में जीरा, अजवाइन, हींग और सौंफ जैसी चीजें मिलाने से भी डाइजेशन बेहतर होता है। भोजन के बाद गुनगुना पानी या सौंफ की चाय पीने से ब्लोटिंग और गैस की समस्या में राहत मिलती है।
कुट्टू का आटा जिंक और अन्य जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। आप कुट्टू और सिंघाड़े के आटे को मिलाकर भी चीला, पराठा, हलवा, उपमा या इडली बना सकते हैं। इससे स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह हेल्दी ऑप्शन भी बन जाता है।
कुट्टू का आटा खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आटा हमेशा साफ और बिना मिलावट वाला होना चाहिए। इसका रंग सफेद या हल्का भूरा होना चाहिए और खुशबू ताजा होनी चाहिए। विश्वसनीय और प्रसिद्ध ब्रांड से आटा खरीदें और पैकिंग व एक्सपायरी डेट जरूर देखें। ताजा आटा ही स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और लाभकारी होता है।
नवरात्रि में कुट्टू का सही उपयोग करके आप न केवल व्रत का आनंद ले सकते हैं बल्कि गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से भी बच सकते हैं।