द लोकतंत्र: दालचीनी (Cinnamon) सिर्फ एक मसाला नहीं है, बल्कि हजारों सालों से यह औषधीय गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा रही है। भारतीय रसोई से लेकर अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों तक, इसका इस्तेमाल स्वाद और सुगंध के लिए किया जाता है। लेकिन इसके फायदे सिर्फ स्वाद तक सीमित नहीं हैं, यह शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती है।
दालचीनी में पाया जाने वाला प्रमुख सक्रिय तत्व सिनामाल्डिहाइड है, जो इसे खास सुगंध देता है और इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे बेहद खास बनाते हैं।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार
दालचीनी में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है।
पोटैशियम, शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करके ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद करता है।
यह हृदय गति को सामान्य रखने और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के कामकाज में भी सहायक होता है।
दिल और हड्डियों की सेहत के लिए लाभकारी
दालचीनी में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम मिलकर हृदय की धड़कन को सुचारू रूप से बनाए रखने में मदद करते हैं।
ये खनिज हड्डियों को मजबूत रखते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचाने में सहायक हो सकते हैं।
सूजन रोकने वाले गुण
दालचीनी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
नियमित सेवन से यह क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (Chronic Inflammation) को रोकने में सहायक मानी जाती है।
हालांकि, इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
ऑक्सीडेटिव तनाव कम करती है
दालचीनी में पॉलीफेनॉल और एंटीऑक्सिडेंट्स की प्रचुर मात्रा होती है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं।
यह सेल डैमेज रोक सकते हैं और शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचा सकते हैं।
इससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बेहतर हो सकती है।
दालचीनी का नियमित और संतुलित सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, दिल और हड्डियों को मजबूत रखने, सूजन कम करने और ऑक्सीडेटिव तनाव को घटाने में मददगार हो सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल मेडिकल पर्पज के लिए करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।