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विंटर हेल्थ गाइड: कड़कड़ाती ठंड में ठंडे पानी से नहाना फायदेमंद है या जानलेवा? जानें क्या कहता है Medical Science

The loktnatra

द लोकतंत्र : भारत में सर्दियों का आगमन होते ही दैनिक दिनचर्या में सबसे बड़ा प्रश्न ‘स्नान’ को लेकर उत्पन्न होता है। जहाँ एक बड़ा वर्ग गर्म पानी को अनिवार्यता मानता है, वहीं कुछ लोग भीषण सर्दी में भी ठंडे पानी से नहाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही इस विषय पर गहन दृष्टिकोण रखते हैं। जहाँ ठंडे पानी से स्नान करने को इम्यूनिटी और ऊर्जा बढ़ाने वाला बताया गया है, वहीं असावधानी बरतने पर यह स्ट्रोक जैसे जानलेवा खतरों का कारक भी बन सकता है।

ठंडे पानी के स्नान का शारीरिक प्रभाव: विशेषज्ञ मत

आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार, ठंडे पानी का संपर्क शरीर में ‘कोल्ड शॉक रिस्पॉन्स’ उत्पन्न करता है।

  • इम्यूनिटी और सर्कुलेशन: डॉ. अंकित बंसल (कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन) के अनुसार, नॉर्मल या ठंडे पानी से नहाने से शरीर का रक्त संचार (Blood Circulation) तीव्र होता है। यह प्रक्रिया प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती है और मांसपेशियों की सूजन कम करने में सहायक होती है।
  • त्वचा और तनाव: ठंडा पानी त्वचा के रोमछिद्रों को बंद करके प्राकृतिक चमक बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह ‘एंडोर्फिन’ जैसे हार्मोन रिलीज करता है, जिससे तनाव कम होता है और व्यक्ति दिनभर सक्रिय महसूस करता है।

जोखिम का विश्लेषण: किन लोगों को बरतनी चाहिए दूरी?

यद्यपि ठंडे पानी के अनेक लाभ हैं, किंतु सर्दियों में अत्यधिक गिरे हुए तापमान में सावधानी अनिवार्य है।

  • हृदय रोगी और बीपी: उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए ठंडा पानी घातक हो सकता है। अचानक ठंडा पानी पड़ने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक आने का जोखिम बढ़ जाता है।
  • पुराने रोग: जोड़ों में दर्द, साइनसाइटिस, बुखार या अत्यधिक सर्दी-जुकाम की स्थिति में गुनगुने पानी का ही प्रयोग करना चाहिए।

स्नान की सही तकनीक: वैज्ञानिक चरण

विशेषज्ञों ने नहाने के क्रम को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, ताकि शरीर तापमान को सहजता से स्वीकार कर सके:

  • क्रमिक प्रवेश: कभी भी सीधे सिर पर ठंडा पानी न डालें। सबसे पहले पैरों पर, फिर हाथों, कंधों और अंत में सिर पर पानी डालना चाहिए। यह मस्तिष्क को झटके से बचाता है।
  • मिथक बनाम तथ्य: यह सोचना गलत है कि ठंडे पानी से नहाने पर पूरे दिन ठंड नहीं लगेगी। वास्तव में, यह शरीर के आंतरिक तापमान को संतुलित करने की कोशिश है, किंतु पर्याप्त गर्म कपड़ों का विकल्प नहीं है।

निष्कर्षतः, सर्दियों में ठंडे पानी से नहाना एक व्यक्तिगत चुनाव है जो आपकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। यदि आप स्वस्थ हैं, तो यह एक शक्तिशाली टॉनिक हो सकता है, परंतु किसी भी पुरानी बीमारी की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श ही एकमात्र सुरक्षित मार्ग है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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