द लोकतंत्र: आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा हैं, लेकिन आजकल कम उम्र में भी लोगों की Eyesight कमजोर होती जा रही है। जहां पहले 50–60 साल की उम्र में चश्मा लगाना आम माना जाता था, वहीं अब 8–10 साल के बच्चों तक को चश्मा लगाना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है हमारी डेली लाइफ की गलतियां, जिन्हें हम अनजाने में रोज़ दोहराते हैं। आइए जानते हैं वे आदतें जो सीधे आंखों पर असर डालती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
ज्यादा स्क्रीन टाइम
डिजिटल दुनिया में लोग घंटों कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी पर समय बिताते हैं। लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में ड्राईनेस, दर्द, इरिटेशन और विजन कमज़ोर होने की समस्या बढ़ जाती है।
बचाव का तरीका: 20-20-20 रूल अपनाएं यानी हर 20 मिनट में 20 सेकेंड के लिए 20 फीट दूर देखें। साथ ही स्क्रीन ब्राइटनेस को एडजस्ट करें और बीच-बीच में ब्रेक लें।
धूप में चश्मा न पहनना
सूरज की हानिकारक यूवी किरणें आंखों को सीधा नुकसान पहुंचाती हैं। बिना सनग्लासेस धूप में जाने से रेटिना डैमेज हो सकती है और आंखों की रोशनी कम होने का खतरा रहता है।
बचाव का तरीका: जब भी बाहर निकलें तो UV प्रोटेक्टेड सनग्लासेस जरूर पहनें।
अनहेल्दी डाइट लेना
फास्टफूड और जंकफूड खाने की वजह से शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स नहीं मिल पाते। खासकर विटामिन A, C और E की कमी आंखों को कमजोर बनाती है।
बचाव का तरीका: डाइट में हरी सब्जियां, गाजर, अंडा, दूध, मछली और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें।
आंखों को बार-बार रगड़ना
कई लोग थकान या खुजली में आंखों को जोर से रगड़ते हैं। ऐसा करने से आंख की कॉर्निया को नुकसान होता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव का तरीका: अगर आंख में खुजली हो तो ठंडे पानी से धोएं या कॉटन कपड़े से हल्के हाथों से साफ करें।
नींद की कमी
नींद पूरी न लेने से आंखों में थकान, सूजन और डार्क सर्कल्स की समस्या होने लगती है। लंबे समय तक यह नेत्र स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है।
बचाव का तरीका: रोजाना कम से कम 7–8 घंटे की गुणवत्ता पूर्ण नींद लें।
कमजोर नजर या आंखों की समस्याएं किसी एक वजह से नहीं, बल्कि कई डेली हैबिट्स की वजह से होती हैं। अगर आप स्क्रीन टाइम कंट्रोल करें, हेल्दी डाइट लें और आंखों की सही केयर करें तो लंबे समय तक आंखों की रोशनी सुरक्षित रख सकते हैं।