द लोकतंत्र : देश भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक सामान्य त्वचीय समस्या, डैंड्रफ (Dandruff), को लेकर कई भ्रांतियाँ व्याप्त हैं। यह केवल सौंदर्य या साफ-सफाई की समस्या नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर बालों के झड़ने (हेयर फॉल) और स्कैल्प के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि डैंड्रफ का मुख्य कारण स्कैल्प की नमी में कमी, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, और मालासेज़िया (Malassezia) नामक फंगस की अति-वृद्धि है। इस रिपोर्ट में हम डैंड्रफ के मूल कारणों और इसके वैज्ञानिक नियंत्रण पर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
डैंड्रफ, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पिटिरियासिस कैपिटिस (Pityriasis Capitis) भी कहा जाता है, स्कैल्प की ऊपरी परत के अत्यधिक तेजी से झड़ने की प्रक्रिया है। लंबे समय से इसे केवल खराब स्वच्छता से जोड़ा जाता रहा है। हालांकि, आधुनिक डर्मेटोलॉजी ने पुष्टि की है कि यह एक प्राकृतिक फंगल गतिविधि है जो तैलीय स्कैल्प (सीबम उत्पादन) और पर्यावरणीय कारकों, जैसे कि ठंडी हवा और शुष्कता, के कारण ट्रिगर होती है। यदि इसका समय पर प्रबंधन न किया जाए, तो यह खुजली, जलन और अंततः गंभीर बाल झड़ने का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय या संबद्ध संस्थानों द्वारा डैंड्रफ को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, लेकिन त्वचा संबंधी विकारों के प्रबंधन पर जारी सामान्य दिशानिर्देश स्कैल्प के उचित हाइड्रेशन और स्वच्छता पर जोर देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, “त्वचा और स्कैल्प संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता (हाइजीन) और संतुलित आहार का महत्व सर्वोपरि है। नागरिकों को यह समझना चाहिए कि महंगे उत्पादों के बजाय समस्या के मूल कारण, जैसे कि नमी की कमी और फंगल वृद्धि, पर ध्यान केंद्रित करना अधिक प्रभावी होता है।”
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल की सीनियर डाइटिशियन पायल शर्मा ने डैंड्रफ के कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्कैल्प के हाइड्रेशन में कमी इसका एक प्रमुख कारण है, जो खासकर ठंडी हवा और शुष्क त्वचा के कारण बढ़ता है। उन्होंने डैंड्रफ के दो मुख्य प्रकार बताए:
- सफेद डैंड्रफ: यह आमतौर पर सर्दियों में शुष्क त्वचा के कारण अधिक होता है।
- पीला डैंड्रफ: यह सीबम (Sebum) यानी अतिरिक्त तेल के उत्पादन को दर्शाता है। जब सीबम, डैंड्रफ की मृत त्वचा की परत से मिल जाता है, तो उसका रंग पीला हो जाता है, जो अधिक गंभीर स्थिति हो सकती है।
एक्सपर्ट के अनुसार, “लोग अक्सर शैंपू पर ध्यान देते हैं, लेकिन स्कैल्प के स्वास्थ्य और हाइड्रेशन में हमारी डाइट (आहार) की बड़ी भूमिका होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई की कमी सीधे तौर पर स्कैल्प की ड्राइनेस को बढ़ाती है।”
जनता के लिए महत्व एवं निहितार्थ
डैंड्रफ के प्रभावी नियंत्रण के लिए, विशेषज्ञ निम्नलिखित उपाय सुझाते हैं, जिनका सार्वजनिक महत्व अत्यधिक है:
- संतुलित आहार: डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे बादाम, अखरोट) और विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ तथा पर्याप्त पानी शामिल करना स्कैल्प के आंतरिक हाइड्रेशन के लिए आवश्यक है।
- गुनगुना पानी: बालों को अत्यधिक गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह स्कैल्प के इंफ्लामेशन (सूजन) और ड्राइनेस को बढ़ाता है। गुनगुना पानी बेहतर विकल्प है।
- आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपाय: एलोवेरा जेल (एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए), नींबू का रस, या टी ट्री ऑयल का उपयोग फंगस को नियंत्रित करने और खुजली को शांत करने में सहायक हो सकता है।
- सही ऑयलिंग तकनीक: नारियल या बादाम तेल की मालिश स्कैल्प को पोषण देती है, लेकिन तेल को रात भर लगाकर छोड़ने से स्कैल्प पर गंदगी जमा हो सकती है।
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान महंगे उत्पादों के बजाय जीवनशैली, आहार और सही देखभाल की आदतों में निहित है। स्कैल्प को हाइड्रेटेड रखना, अत्यधिक सीबम उत्पादन को नियंत्रित करना, और फंगल वृद्धि को कम करना इसके नियंत्रण की कुंजी है। आम जनता को यह समझना होगा कि बालों की समस्या शरीर के समग्र स्वास्थ्य का एक प्रतिबिंब है।

