द लोकतंत्र : आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन एक आम लेकिन खतरनाक समस्या बन चुकी है। इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है क्योंकि शुरुआत में इसके ज्यादा लक्षण दिखाई नहीं देते। धीरे-धीरे यह शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई बीपी के शुरुआती संकेत सबसे पहले आंखों में दिखाई देने लगते हैं?
आंखों की रेटिना में छोटी ब्लड वेसल्स बेहद सेंसिटिव होती हैं। ये ब्लड प्रेशर में मामूली बदलाव भी आसानी से दिखा देती हैं। जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो ये छोटी आर्टरीज पहले की तुलना में सख्त और संकरी दिखाई देने लगती हैं। यही बदलाव आपको आंखों में नजर आता है और यह हाई बीपी के संकेत का संकेत देता है।
अगर हाई ब्लड प्रेशर लंबे समय तक बिना कंट्रोल के बना रहे, तो रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है। इसे मेडिकल टर्म में हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहा जाता है। इस स्थिति में रेटिना की आर्टरीज मोटी और सख्त हो जाती हैं। समय के साथ आर्टरीज के चारों ओर सिल्वर वायरिंग जैसी स्थिति बनती है। इससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है, जिसे आर्टीरियोवेनस निकिंग कहा जाता है।
लंबे समय तक हाई बीपी का असर आंखों पर बना रहे, तो देखने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा रेटिनल वेन ऑक्लूजन, रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन, मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन और आंखों में सूजन या फ्लूएड रिसाव जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसके प्रभाव से सिर्फ आंखें ही नहीं, बल्कि हृदय और किडनी पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी इस समस्या से बचने के लिए समय-समय पर आंखों की जांच करवाना बेहद जरूरी है। शुरुआती संकेतों की पहचान कर आप गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं।
हाई बीपी केवल हार्ट और किडनी को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह आंखों पर भी गंभीर असर डाल सकता है। इसलिए यदि आपको आंखों में रेटिना की सूजन, ब्लड वेसल्स की मोटाई या किसी अन्य बदलाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर पहचान और सावधानी ही इस “साइलेंट किलर” से सुरक्षा का सबसे प्रभावी तरीका है।

