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जानिए, एक दिन में कितनी रोटियां खानी चाहिए और ज्यादा खाने से क्या होता है नुकसान

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द लोकतंत्र : भारत में रोटी हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा है। चाहे दाल हो, सब्जी हो या कोई और व्यंजन, थाली तब तक अधूरी लगती है जब तक उसमें रोटी न हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन में कितनी रोटियां खाना हमारे शरीर के लिए सही है? स्वाद के चक्कर में कई बार लोग ज़रूरत से ज़्यादा रोटियां खा लेते हैं, जिससे सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

ज्यादा रोटी खाने के नुकसान

वजन बढ़ना:
गेहूं की रोटी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। ज़रूरत से ज़्यादा कार्ब्स शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाते हैं। इससे वजन बढ़ने लगता है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो रोटी की मात्रा नियंत्रित रखना जरूरी है।

ब्लड शुगर लेवल:
रोटी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मध्यम श्रेणी में आता है। यानी यह धीरे-धीरे शुगर में बदलता है। लेकिन अगर आप एक साथ ज्यादा रोटियां खाते हैं, तो ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

पेट फूलना और गैस:
गेहूं में पाया जाने वाला ग्लूटेन कई लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा करता है। ज्यादा रोटियां खाने से गैस, पेट फूलना, भारीपन और एसिडिटी जैसी शिकायतें हो सकती हैं। खासकर रात के समय रोटी का अधिक सेवन इन लक्षणों को और बढ़ा देता है।

कब्ज की समस्या:
अगर आप सिर्फ रोटी पर निर्भर रहते हैं और फाइबर, सब्जियां व फल पर्याप्त मात्रा में नहीं खाते हैं, तो शरीर में फाइबर की कमी हो जाती है। इससे पाचन तंत्र धीमा पड़ता है और कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

एक दिन में कितनी रोटियां खानी चाहिए?

एक मध्यम आकार की गेहूं की रोटी में लगभग 70 कैलोरी और 17 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक औसत व्यक्ति को अपनी डाइट और एक्टिविटी लेवल के अनुसार दिन में 2 से 3 रोटियां खाना पर्याप्त होता है।

अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो दिन में दो बार भोजन में एक-एक रोटी शामिल करें और इसके साथ पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां, दालें और सलाद खाएं। वहीं जिन लोगों को अधिक शारीरिक मेहनत करनी पड़ती है, जैसे किसान या मजदूर, वे 4 से 5 रोटियां खा सकते हैं।

कब और कैसे खाएं रोटी?

रात में बहुत देर से रोटी खाने से बचें।
ताज़ा बनी हुई रोटी खाएं, फ्रिज में रखी बासी रोटी नहीं।
मल्टीग्रेन या ज्वार-बाजरा जैसी आटे की रोटियां अधिक पौष्टिक होती हैं।
घी या बटर की जगह रोटी को सूखी ही खाएं अगर वजन नियंत्रित करना हो।

रोटी हमारी डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन इसकी मात्रा नियंत्रित रखना ज़रूरी है। सही मात्रा में रोटी का सेवन करने से न केवल ऊर्जा मिलती है बल्कि पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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