द लोकतंत्र : सर्दियों की दस्तक के साथ ही खाने-पीने की आदतों और सामग्री में बदलाव आना शुरू हो जाता है। यह सीजन सरसों, मेथी और पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इन्हीं पौष्टिक सब्जियों में से एक है चना का साग (Chickpea Greens), जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि कई पोषक तत्वों का खजाना भी है, इसलिए यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है। अच्छी बात यह है कि चना का साग आप अपने किचन गार्डन में या छोटे-से गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं और पूरे सीजन इसका लुत्फ उठा सकते हैं। साग ग्रो होने में बहुत ज्यादा टाइम भी नहीं लगता है, क्योंकि चना आने से पहले ही आप इसकी पत्तियों को हार्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं। इसकी देखभाल में भी बहुत ज्यादा मेहनत नहीं लगती है।
जरूरी चीजें और कंटेनर का चुनाव
बाजार में देसी चना (जो छोटा होता है) और काबुली चना (जो साइज में बड़ा होता है) की अलग-अलग वैरायटी मिल जाती हैं। साग उगाने के लिए आपको वैरायटी को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, बस अच्छी क्वालिटी के बीज लें।
अगर आपके किचन गार्डन में जगह है तो आप जमीन में चना साग उगा सकते हैं, नहीं तो आप गमले या चौड़े कंटेनर का उपयोग करें।
गोल गमलों की बजाय लंबाई और चौड़ाई वाले कंटेनर लेना ज्यादा बेहतर रहता है, क्योंकि इससे पौधों को फैलने के लिए ज्यादा जगह मिलती है। गमले में पानी की निकासी के लिए छेद सही होना चाहिए।
आपको चना के अच्छे बीजों और जैविक खाद की जरूरत होगी।
ऐसे करें साग के लिए मिट्टी तैयार
चने का साग उगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मिट्टी की तैयारी। अगर आप जमीन में चना बो रहे हैं, तो मिट्टी उपजाऊ होनी चाहिए और पानी की निकासी बिल्कुल सही होनी चाहिए। कंटेनर गार्डनिंग के लिए मिट्टी इस प्रकार तैयार करें:
मिट्टी की उर्वरता के हिसाब से खाद मिलाएं। यदि मिट्टी उपजाऊ है तो 1 हिस्सा खाद, मीडियम है तो 2 हिस्सा खाद और कम उपजाऊ है तो 3 हिस्सा (यानी 30 प्रतिशत) वर्मी कम्पोस्ट खाद मिला सकते हैं। बाकी 70 प्रतिशत मिट्टी रखें।
उपजाऊ मिट्टी में सही मात्रा में खाद मिलाने से बीजों को अंकुरित होने और तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है।
चना के बीजों को बोने का सही तरीका
चना साग को झाड़ियों की तरह बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह चाहिए होती है, इसलिए बीजों को सही दूरी पर बोना आवश्यक है:
चना के बीजों को कम से कम 9 सेंटीमीटर (तकरीबन 3 इंच) की दूरी पर लगाना चाहिए।
छोटी किस्म वाले बीज लगा रहे हैं तो बीजों को 1 इंच की गहराई में रोपें और अगर बीज बड़ी किस्म के हैं तो इसे 2 इंच की गहराई में रोप दें।
बीज बोने के बाद मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखने के लिए थोड़ा पानी दें। सिर्फ साग उगाना है, इसलिए आपको सहारे के लिए जाली लगाने की जरूरत नहीं होती है।
अगर आप चना को अंकुरित पहले ही करना चाहते हैं, तो बीजों को रातभर पानी में भिगो दें और फिर एक गीले कपड़े में लपेटकर कहीं गर्म जगह पर रख दें। चना का बीज आमतौर पर 3 से 5 दिन में अंकुरित हो जाता है।
ऐसे करें हार्वेस्टिंग (Harvesting)
अगर आपको सिर्फ साग खाना है, तो चना का पौधा बोने के कम से कम 20-25 दिन में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है।
जब पौधे कम से कम 6 से 8 इंच के हो जाएं और पत्तियां घनी दिखाई देने लगें, तो आपको इसके ऊपरी हिस्सों की तोड़ाई कर लेनी चाहिए।
इसके बाद बचा हुआ पौधा दोबारा से ग्रो होने लगता है। इस तरह से तोड़ने से आगे की उपज भी तेज होती है और आपको लंबे समय तक साग मिलता रहता है।
देखभाल के लिए जरूरी बातें
चना साग के कंटेनर को खुली जगह पर रखें, ताकि इसे कम से कम 4-6 घंटे की सीधी धूप मिलती रहे। इससे फंगस लगने और पानी जमा होने की संभावना कम हो जाती है।
मिट्टी में हमेशा हल्की नमी बनी रहनी चाहिए। इसके लिए आप एक साथ ज्यादा पानी डालने की बजाय रोजाना या एक दिन छोड़कर थोड़ा-थोड़ा पानी पौधे को दें।
साग उगाने के लिए आपको मिट्टी में बार-बार खाद मिलाने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन अगर पौधा का विकास सही से न हो रहा हो तो ऑर्गेनिक लिक्विड फर्टिलाइजर का यूज किया जा सकता है।

