द लोकतंत्र : घर पर गार्डनिंग का शौक रखने वालों के लिए सर्दियों का मौसम चुकंदर (Beetroot) जैसी पौष्टिक सब्जियां उगाने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। चुकंदर, भले ही स्वाद में तीखा लगे, लेकिन यह विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह शरीर में खून की कमी दूर करने के लिए जाना जाता है। बाजार में मिलने वाले चुकंदर की ताज़गी को लेकर अक्सर संशय रहता है, ऐसे में ताज़ा और ऑर्गेनिक चुकंदर को घर के गार्डन, बालकनी या छत पर उगाना एक बेहतरीन विकल्प है।
बुवाई का सर्वोत्तम समय
चुकंदर मूलतः ठंडे मौसम की फसल है और इसी मौसम में यह अच्छी तरह से पनपती है। भारत में इसकी सफल पैदावार के लिए अक्टूबर से जनवरी या सितंबर से फरवरी का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। गर्मी का मौसम चुकंदर के लिए अनुकूल नहीं होता, क्योंकि इसमें जल्दी फूल आने लगते हैं और जड़ें ठीक से विकसित नहीं हो पाती हैं।
मिट्टी की तैयारी और बीज बुवाई
चुकंदर की स्वस्थ जड़ों के विकास के लिए मिट्टी का मुलायम, भुरभुरा और पोषक होना अत्यंत आवश्यक है।
- मिट्टी का मिश्रण: एक 12 इंच गहरा गमला या ग्रो बैग लें और उसमें निम्नलिखित सामग्री मिलाकर मिश्रण तैयार करें:
- 50% बगीचे की मिट्टी (Garden Soil)
- 25% सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट (Compost)
- 20% रेत (Sand)
- पोषक तत्व: 1-2 चम्मच नीम खली और 1 चम्मच बोनमील मिलाकर मिश्रण को हल्का, पोषक और पानी निकालने वाला (Well-Drained) बनाएँ।
- बीज बोने का तरीका: चुकंदर के बीज को पहले गुनगुने पानी में 10 से 12 घंटे के लिए भिगो दें, जिससे अंकुरण में तेज़ी आती है। बुवाई के लिए, गमले में 10 से 12 सेंटीमीटर की दूरी पर छोटे गड्ढे बनाकर बीज बोएँ और मिट्टी से ढक दें। 5 से 7 दिन के भीतर पौधे से पत्तियाँ निकलना शुरू हो जाएँगी।
देखभाल और कटाई का समय
चुकंदर के पौधे की अच्छी उपज के लिए देखभाल के कुछ नियम आवश्यक हैं:
- धूप: इस पौधे को प्रतिदिन 6 से 7 घंटे की सीधी धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह पर रखें जहाँ पर्याप्त धूप मिलती हो।
- सिंचाई: शुरुआती 15-20 दिनों में रोज़ हल्की सिंचाई करें। बाद में इसे 3-4 दिन में एक बार ही पानी दें। यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन पानी जमा न हो, क्योंकि जड़ों में पानी जमा होने से वे सड़ सकती हैं।
- कटाई: चुकंदर का पौधा लगाने के बाद लगभग 55 से 75 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। चुकंदर की पहचान तब करें जब जड़ का व्यास 5-8 सेंटीमीटर के बीच हो जाए और पत्तियाँ हरी और चमकदार दिखें। कटाई हमेशा सुबह या शाम के ठंडे समय में करें।
चुकंदर को निकालने से पहले मिट्टी को थोड़ा ढीला करने से जड़ को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। घर पर ऑर्गेनिक तरीके से उगाया गया यह चुकंदर न केवल बाजार के मुकाबले अधिक पौष्टिक होगा, बल्कि यह आपके होम गार्डनिंग के शौक को भी संतुष्टि प्रदान करेगा। इस सरल विधि का उपयोग करके, आप अपनी सेहत के लिए ताज़ा और केमिकल-मुक्त चुकंदर का सेवन कर सकते हैं।

