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Eye Health: सुबह उठते ही आंखों से लगातार पानी आना क्यों है चिंता का विषय? जानें विशेषज्ञ से बचाव के तरीके

The loktnatra

द लोकतंत्र : आजकल कई लोग सुबह उठते ही आँखों से पानी आने की समस्या का सामना करते हैं। हालांकि, सोते समय आँखों का सूख जाना और सुबह लुब्रिकेशन के रूप में हल्का पानी निकलना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर यह समस्या रोजाना और लगातार बनी रहे, या इसके साथ अन्य लक्षण भी महसूस हों, तो इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति आँखों में किसी इंफेक्शन, गंभीर एलर्जी, सूजन या टियर डक्ट ब्लॉकेज जैसी अंतर्निहित समस्या के विकास का संकेत हो सकती है। आँखों से बार-बार पानी आना न केवल दिनचर्या को प्रभावित करता है, बल्कि यह दृष्टि की गुणवत्ता को भी कम कर सकता है।

चेतावनी के लक्षण: कब बरतें सावधानी?

यदि आँखों से पानी आने की समस्या रोज की आदत बन गई है और इसके साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श करना चाहिए:

  • गंभीर असुविधा: आँखों में तेज खुजली, जलन या चुभन महसूस होना।
  • स्राव और चिपकना: सुबह पलकों का चिपककर खुलना, आँखों में भारीपन या मैल/पपड़ी का जमा होना।
  • दृश्य और शारीरिक बदलाव: धुंधला दिखाई देना, आँखों में लगातार लालिमा रहना, या आँखों के किनारों पर सूजन होना।
  • संवेदनशीलता: आँखों में सूखेपन के कारण दर्द, भारी दबाव का एहसास, या धूप/हवा लगते ही असहजता महसूस होना।

प्रमुख कारण: ड्राई आई सिंड्रोम से लेकर ब्लॉकेज तक

सर गंगाराम अस्पताल में आई डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी डॉ. ए.के. ग्रोवर बताते हैं कि सुबह आँखों से लगातार पानी आना कई चिकित्सा कारणों से जुड़ा हो सकता है:

  • ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome): यह सबसे आम कारण है। रातभर आँखें सूख जाती हैं, और सुबह आँखें अचानक खुलते ही शरीर इसकी भरपाई के लिए अत्यधिक मात्रा में आँसू निकालने लगता है।
  • एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस: धूल, मिट्टी के कण, पालतू जानवरों के बाल, या मेकअप उत्पादों से होने वाली एलर्जी के कारण आँखों में पानी, खुजली और लालिमा बढ़ती है।
  • संक्रमण (पिंक आई): बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन (जिसे आमतौर पर पिंक आई कहा जाता है) के कारण भी आँखों से पानी आना और लालिमा बढ़ जाती है।
  • टियर डक्ट ब्लॉकेज: आंसू नली (Tear Duct) बंद होने पर आँसू सामान्य रूप से ड्रेन नहीं हो पाते और आँखों से बाहर निकलने लगते हैं।
  • जीवनशैली कारक: स्क्रीन टाइम का अत्यधिक उपयोग, नींद की कमी, पोषण की कमी (विशेषकर विटामिन ए) और मौसम का प्रभाव भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।

बचाव के लिए आवश्यक कदम

नेत्र विशेषज्ञों की सलाह है कि इस समस्या से बचने के लिए कुछ निवारक उपाय अपनाना अनिवार्य है:

  • सफाई और आराम: रात में सोने से पहले आँखों को साफ पानी से धोएँ। स्क्रीन टाइम कम करें और काम के दौरान बीच-बीच में आँखों को नियमित रूप से आराम दें।
  • सुरक्षा: एलर्जी और संक्रमण से बचने के लिए आँखों को धूल, धुआँ और तेज हवा से बचाएँ।
  • पोषण: डाइट में विटामिन ए और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • विशेषज्ञ परामर्श: सबसे महत्वपूर्ण बात, आई विशेषज्ञ की सलाह के बिना आँखों में कोई भी दवा या ड्रॉप्स न डालें। सही कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ जांच आवश्यक है।
Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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