द लोकतंत्र : आमतौर पर यही माना जाता है कि हृदय संबंधी बीमारियों के मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल हैं, लेकिन एक नई रिसर्च ने इस धारणा को बदल दिया है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि ब्लड शुगर का थोड़ा सा बढ़ा हुआ स्तर (प्रीडायबिटीज) भी दिल के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि अगर इस शुरुआती स्तर पर ही शुगर को नियंत्रित कर लिया जाए, तो हार्ट अटैक का खतरा लगभग 50 फीसदी तक कम हो सकता है।
प्रीडायबिटीज नियंत्रण से मिलता है हृदय को सुरक्षा
इस अध्ययन ने हृदय स्वास्थ्य के बारे में मौजूदा मानकों में एक नया मानक जोड़ दिया है।
- जोखिम में कमी: शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने सक्रिय रूप से अपने फास्टिंग ब्लड शुगर को 97 mg/dL से नीचे लाया, नियमित व्यायाम किया और वजन नियंत्रित किया, उनमें आने वाले सालों में हार्ट अटैक का जोखिम लगभग आधा हो गया था।
- साल-दर-साल सुरक्षा: रिसर्च में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि प्रीडायबिटीज को शुरुआती स्टेज में ही ठीक करने से, शरीर को सालों तक हार्ट डिजीज से सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे न सिर्फ डायबिटीज से बचाव होता है, बल्कि हार्ट अटैक से लेकर हार्ट फेल्योर तक का खतरा भी कम होता है।
हृदय बीमारी के बचाव के नए मानक
अभी तक हार्ट डिजीज से बचाव के लिए LDL कोलेस्ट्रॉल कम करना, ब्लड प्रेशर नियंत्रण, धूम्रपान छोड़ना और मोटापे को कम करना जैसे पारंपरिक मानकों की सलाह दी जाती थी। लेकिन यह रिसर्च स्पष्ट करती है कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करना भी उतना ही आवश्यक है।
- आवश्यक सीमाएं: रिसर्च में जोर दिया गया है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए फास्टिंग शुगर को से0 mg/dL से नीचे और खाने के बाद इसे 140 mg/dL से कम रखना अनिवार्य है।
शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए व्यावहारिक उपाय
प्रीडायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में कुछ बुनियादी बदलाव लाने की आवश्यकता है:
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट तक मध्यम तीव्रता का व्यायाम करें।
- संतुलित खानपान: अत्यधिक मीठा खाना और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें और फाइबर युक्त आहार को प्राथमिकता दें।
- नियमित जांच: अपने शुगर लेवल की नियमित जांच करवाएं ताकि शुरुआती स्तर पर ही समस्या को पकड़ा जा सके।
यह नया अध्ययन उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो प्रीडायबिटीज के स्तर पर हैं। समय पर नियंत्रण के माध्यम से वे न केवल मधुमेह से, बल्कि दिल के गंभीर खतरों से भी खुद को बचा सकते हैं।

