द लोकतंत्र : पूर्णिमा तिथि हर महीने पड़ती है, लेकिन अश्विन महीने की पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है, जिसे शरद पूर्णिमा कहा जाता है। यह साल का सातवां फुल मून होता है और माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। परंपरा के अनुसार, इस रात खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है ताकि उसमें औषधीय गुण समाहित हो सकें।
इस बार शरद पूर्णिमा 2025 सोमवार, 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त मां लक्ष्मी और भगवान नारायण की पूजा करते हैं और खीर का भोग लगाते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन लक्ष्मी जी का प्राकट्य हुआ था। चलिए जानते हैं इस खास रात के लिए क्रीमी और स्वादिष्ट चावल की खीर बनाने का यूनिक तरीका।
सामग्री (Ingredients):
बासमती चावल – 1 कटोरी (30–40 मिनट भिगोए हुए)
फुल क्रीम दूध – 1.5 लीटर
चीनी – ¼ कप
हरी इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
बादाम, काजू, पिस्ता – प्रत्येक 10–15
मावा – 100 ग्राम
कस्टर्ड पाउडर – ½ चम्मच
घी – 1–2 चम्मच
केसर – 2–3 धागे (2 चम्मच गर्म दूध में भिगोए हुए)
खीर बनाने की विधि:
सबसे पहले दूध को हल्की आंच पर उबालें और 5–6 मिनट तक पकने दें। दूध की मलाई को किनारे से खुरचकर दूध में ही मिला दें।
अब भीगे हुए चावलों को छानकर उबलते दूध में डालें। चाहें तो आधा दूध पहले निकालकर रख लें और बाकी दूध में चावल डालें। हल्की आंच पर धीरे-धीरे पकाएं या फिर प्रेशर कुकर में एक सीटी तक पकाएं (ध्यान रहे दूध बाहर न निकले)।
जब चावल गल जाएं तो चमची से थोड़ा मैश करें। अब बचा हुआ दूध मिलाएं और उबाल आने दें। फिर इसमें चीनी डालें। ठंडे दूध में कस्टर्ड पाउडर घोलकर खीर में डालें और चलाते रहें।
कटे हुए मेवे को घी में भूनें और खीर में डालें। इसके बाद इलायची पाउडर, मावा और केसर वाला दूध डाल दें। आपकी स्वादिष्ट और क्रीमी चावल की खीर तैयार है।
बोनस टिप्स:
अगर आप दानेदार खीर नहीं पसंद करते तो भीगे चावलों को हल्का दरदरा पीस लें।
खीर को हमेशा धीमी आंच पर पकाएं ताकि इसका टेक्सचर मलाईदार बने।
फुल क्रीम दूध या भैंस का दूध इस्तेमाल करें, इससे स्वाद दोगुना बढ़ जाता है।
इस शरद पूर्णिमा, जब चांद अपनी सोलह कलाओं के साथ चमके, तब चांदनी में रखी ये खीर न सिर्फ स्वाद बल्कि स्वास्थ्य का भी वरदान बनेगी।