द लोकतंत्र : आधुनिक जीवनशैली की तेज रफ्तार ने अनेक लोगों को सुबह का नाश्ता (Breakfast) छोड़ने की आदत डाल दी है। चाहे वह देर से सोने के कारण हो, या ऑफिस और घरेलू कामों में अत्यधिक व्यस्तता, ब्रेकफास्ट स्किप करना अब एक आम चलन बन गया है। हालाँकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ जोर देकर कहते हैं कि यह आदत सिर्फ एक मील छोड़ना नहीं, बल्कि शरीर की प्राकृतिक लय (Natural Rhythm) और संपूर्ण मेटाबॉलिक स्ट्रक्चर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाना है, जिसके दीर्घकालिक और गंभीर स्वास्थ्य परिणाम सामने आ सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन और ओवरईटिंग
खाली पेट रहने से शरीर न्यूट्रीशनल डेफिसिट में जाता है, जिससे दोपहर तक अत्यधिक भूख लगती है, जो अक्सर ओवरईटिंग का कारण बनती है।
- घ्रेलिन का बढ़ना: ब्रेकफास्ट छोड़ने से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन ‘घ्रेलिन’ ज्यादा एक्टिव हो जाता है। यह हार्मोन मीठा और फैटी फूड खाने की क्रेविंग को बढ़ाता है।
- वजन और चर्बी: यह आदत बाद में बड़े पोर्शन खाने और हाई कैलोरी फूड चुनने की वजह बन जाती है, जिससे वजन बढ़ना और पेट में चर्बी (Visceral Fat) जमा होने लगती है। यह न केवल शारीरिक बनावट, बल्कि आंतरिक अंगों के लिए भी हानिकारक है।
मेटाबॉलिक और हृदय स्वास्थ्य पर खतरा
ब्रेकफास्ट स्किप करने की आदत मेटाबॉलिक सिंड्रोम को जन्म दे सकती है, जो कई गंभीर बीमारियों का आधार है।
- डायबिटीज का खतरा: यह आदत इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल बिगड़ने लगता है। शोध बताते हैं कि जो लोग रोजाना नाश्ता नहीं करते, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा पाया गया है।
- कोलेस्ट्रॉल और हृदय: रिसर्च के अनुसार, रोजाना नाश्ता स्किप करने वालों में एलडीएल (LDL) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी (Heart Disease) और हार्ट ब्लॉकेज का एक बड़ा कारण है। सुबह का ब्रेकफास्ट न करने से शरीर पर मेटाबॉलिक स्ट्रेस बढ़ता है, जो हृदय स्वास्थ्य को लंबे समय में नुकसान पहुँचाता है।
मानसिक और ऊर्जा स्तर पर प्रभाव
सुबह पौष्टिक खाना न मिलने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिसका सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य और दैनिक प्रदर्शन पर पड़ता है।
- थकान और चिड़चिड़ापन: ऐसे लोग जल्दी थकान महसूस करते हैं, चिड़चिड़ा रहते हैं और उन्हें किसी भी काम पर ध्यान लगाने में दिक्कत आती है।
- मानसिक दक्षता: अस्थिर ब्लड शुगर लेवल मानसिक दक्षता (Mental Acuity) को कम कर देता है। वहीं, जब शरीर को जल्दी ऊर्जा चाहिए होती है, तो वह मीठे और तले हुए हाई कैलोरी फूड की तरफ खींचता है, जिससे डाइट की क्वालिटी खराब होती है।
निष्कर्ष यह है कि ब्रेकफास्ट स्किप करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए एक जोखिम भरी आदत है। विशेषज्ञों की सलाह है कि शरीर की नेचुरल रिदम को बनाए रखने और गंभीर बीमारियों से बचने के लिए सुबह एक पौष्टिक और संतुलित नाश्ता अवश्य करना चाहिए।

