द लोकतंत्र : बादाम सबसे अधिक खाए जाने वाले और सेहतमंद ड्राईफ्रूट्स में से एक है। यह मोनोअनसैचुरेटेड फैट, फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य, रक्त शर्करा नियंत्रण और ऊर्जा बढ़ाने में सहायक है। हालांकि, बादाम के सेवन के तरीके को लेकर इंटरनेट और पारंपरिक सलाहों में अक्सर मतभेद रहता है:क्या बादाम को छिलके सहित खाना चाहिए या छिलका हटाकर? विशेषज्ञों का कहना है कि बादाम खाने का ‘सही’ तरीका व्यक्तिगत पाचन क्षमता और पसंद पर निर्भर करता है।
भीगे बादाम से बढ़ता है पोषक तत्वों का अवशोषण
अधिकांश पोषण विशेषज्ञ बादाम को भिगोकर खाने की सलाह देते हैं।
- बादाम को भिगोकर खाने से डाइजेशन तेजी से होता है और उसके पोषक तत्वों का अवशोषण (Absorption) शरीर में बेहतर तरीके से होता है।
- बादाम का छिलका फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह छिलका न सिर्फ पाचन में मदद करता है, बल्कि स्वस्थ आंत (Gut) को बढ़ावा देता है और शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में भी सहायक होता है।
छिलके का द्वैध प्रभाव: टैनिन बनता है बाधा
बादाम का छिलका जहां फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत है, वहीं कुछ व्यक्तियों के लिए यह पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा भी डाल सकता है।
- टैनिन की उपस्थिति: बादाम के छिलकों में टैनिन (Tannins) नामक एक एंटी-न्यूट्रिएंट यौगिक पाया जाता है। यह टैनिन कुछ खनिजों और प्रोटीन के पाचन और अवशोषण में बाधा डाल सकता है। भीगने के बाद यह टैनिन कुछ हद तक निकल जाता है, लेकिन फिर भी छिलके में मौजूद रहता है।
- पाचन संबंधी समस्या: कुछ व्यक्तियों, विशेषकर जिनका पाचन तंत्र कमजोर है, उन्हें छिलके का फाइबर पचाने में कठिनाई हो सकती है या इससे उन्हें पेट में भारीपन महसूस हो सकता है। इसके अलावा, छिलके का हल्का कड़वा स्वाद भी कुछ लोगों को नापसंद होता है।
इसलिए, निष्कर्ष यह है कि जिन व्यक्तियों का पाचन तंत्र मजबूत है और जिन्हें छिलके सहित बादाम खाने से कोई परेशानी नहीं होती, वे फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का पूरा लाभ लेने के लिए छिलके सहित सेवन कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको छिलके वाले बादाम पचाने में कठिनाई होती है या आप पोषक तत्वों के अधिकतम अवशोषण को सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो छिलका निकालकर खाना अधिक उपयुक्त होगा। सुबह खाली पेट भीगे हुए बादाम का सेवन करना हर हालत में सबसे बेहतर तरीका माना जाता है।

