द लोकतंत्र : हल्दी सिर्फ एक मसाला नहीं बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है। भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। यह खाने को स्वाद और रंग देने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। चाहे फिर सर्दी-जुकाम का इलाज हो या शरीर में सूजन कम करने की बात हो, हल्दी हर जगह काम आती है।
आयुर्वेद में हल्दी को ‘हरिद्रा’ कहा गया है, और इसे रोग निवारण की दवा माना गया है। यह न सिर्फ इम्यूनिटी को बढ़ाती है बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करती है।
खाने में कितनी मात्रा में करें हल्दी का सेवन
विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना के आहार में आधे से एक चम्मच हल्दी का सेवन पर्याप्त माना जाता है। इसे दाल, सब्जी, दूध या चाय में मिलाकर खाया जा सकता है। इस मात्रा में हल्दी का सेवन सुरक्षित है और इससे लीवर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
हालांकि, हल्दी के हाई-डोज सप्लिमेंट्स का सेवन करना खतरनाक हो सकता है। इन सप्लिमेंट्स में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है, जो कुछ मामलों में लीवर के लिए हानिकारक साबित हुई है।
कब नुकसानदायक है हल्दी
जब हल्दी का सेवन अत्यधिक मात्रा में किया जाए या इसे पाउडर सप्लिमेंट के रूप में लिया जाए, तब यह नुकसान पहुंचा सकती है। कुछ स्टडीज़ के अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन फैटी लिवर की समस्या में सूजन कम करने में मदद करता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर लीवर पर दबाव डाल सकता है।
इसलिए हल्दी का इस्तेमाल सिर्फ खाने में स्वाद और सेहत बढ़ाने तक सीमित रखना बेहतर है।
हल्दी से मिलने वाले गजब के फायदे
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व है। यह शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और सूजन को कम करता है।
हल्दी का सेवन
इम्यूनिटी बढ़ाता है
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है
डायबिटीज और हृदय रोग के खतरे को कम करता है
डिप्रेशन और वायरल संक्रमण से भी बचाव करता है
त्वचा के लिए हल्दी के फायदे
हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की रंगत को निखारते हैं और चेहरे पर एक नेचुरल ग्लो लाते हैं। यह झुर्रियों और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करती है और त्वचा को स्वस्थ बनाती है।
हल्दी का सही मात्रा में सेवन शरीर के लिए वरदान है, लेकिन अति हमेशा हानिकारक होती है। इसलिए रोजाना की डाइट में इसे सीमित मात्रा में शामिल करें और सप्लिमेंट्स के रूप में लेने से बचें।