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White Spots on Nails: नाखूनों पर सफेद निशान, ये बीमारियों का संकेत हो सकते हैं

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द लोकतंत्र : आपके नाखूनों पर यदि सफेद निशान दिख रहे हैं तो इसे नजरअंदाज करना सही नहीं होगा। नाखून हमारे शरीर के स्वास्थ्य का आईना होते हैं और इनमें दिखाई देने वाले बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत दे सकते हैं। सफेद धब्बे या लाइन्स को देखकर हम यह समझ सकते हैं कि शरीर में कौन सी कमी या समस्या हो सकती है।

जिंक की कमी

नाखूनों पर सफेद निशान अक्सर शरीर में जिंक की कमी के कारण होते हैं। जिंक एक जरूरी मिनरल है, जो इम्यून सिस्टम, त्वचा और सेल डिवीजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से सिर्फ नाखूनों में ही सफेद धब्बे नहीं बनते, बल्कि त्वचा और बालों की सेहत भी प्रभावित होती है।

ल्यूकोनीशिया

कभी-कभी सफेद निशान ल्यूकोनीशिया की वजह से भी हो सकते हैं। इसमें नाखून की प्लेट को नुकसान पहुंचता है और रंग पहले की तुलना में बदल जाता है। यह स्थिति जिंक की कमी के अलावा आनुवंशिक भी हो सकती है।

मैनीक्योर और साइड इफेक्ट्स

बार-बार मैनीक्योर करवाने से नाखूनों की स्किन और नेलबेड कमजोर हो जाती है। इससे नाखूनों में सफेद धब्बे या लाइन्स बन सकते हैं, जो नाखून कमजोर होने का संकेत देते हैं।

फंगल इंफेक्शन

नाखूनों का सफेद होना कभी-कभी फंगल इंफेक्शन के कारण भी होता है। गंदगी या संक्रमण से नाखून में फंगस जम सकता है। इस स्थिति में नाखून सफेद होने के साथ पीले रंग का भी हो सकता है, मोटे और टूटने लगते हैं।

दवाइयों का असर

कुछ दवाइयां, जैसे कैंसर के लिए कीमोथेरेपी, रेटिनोइड्स, सल्फोनामाइड्स और क्लोक्सासिलिन, नाखूनों में सफेद लाइन्स या धब्बे बना सकती हैं। इसके अलावा नाखून की ग्रोथ धीमी हो जाती है और वह टूटने लगते हैं।

जहरीला मेटल

कभी-कभी सफेद निशान का कारण आर्सेनिक या थैलियम जैसे जहरीले मेटल्स भी हो सकते हैं। इंडस्ट्रियल एरिया में रहना या गंदा खाना खाने से भी यह समस्या हो सकती है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें

यदि सफेद निशान लंबे समय तक बने रहते हैं, नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं, रंग बदल जाता है और शरीर में थकावट जैसे लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

नाखूनों के स्वास्थ्य पर ध्यान देकर आप समय रहते कई बीमारियों से बच सकते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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