द लोकतंत्र : सर्दियों की आरामदायक ठंड अक्सर शरीर को एक अनजाना धोखा दे देती है। बाहर का तापमान गिरने के साथ ही लोग पानी पीना कम कर देते हैं, और यही साधारण सी लापरवाही चुपचाप किडनी स्टोन (Kidney Stones) बनने का जोखिम बढ़ा देती है। यूरिनरोग विशेषज्ञों (Urologists) के अनुसार, ठंड के मौसम में पसीना कम आने, हवा के शुष्क होने और प्यास कम महसूस होने के कारण डिहाइड्रेशन बढ़ता है, जिससे पेशाब गाढ़ा होने लगता है। इसी स्थिति में कैल्शियम, ऑक्जेलेट और यूरिक एसिड जैसे खनिज आपस में चिपककर पथरी का रूप लेने लगते हैं। वैज्ञानिक रिसर्च भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि ठंडे मौसम में पथरी के मामले मौसमी पैटर्न में बढ़ते हैं।
पथरी बनने के मुख्य कारण और जोखिम कारक
विशेषज्ञों का कहना है कि किडनी स्टोन का निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, जो सर्दियों में ख़तरे को और बढ़ा देती है।
- डिहाइड्रेशन: यह सबसे बड़ा कारण है। कम पानी पीने से पेशाब में खनिज तत्वों की सांद्रता (Concentration) बढ़ जाती है, जिससे क्रिस्टल बनने और फिर उनके पथरी में बदलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
- आहार में असंतुलन: मुंबई के यूरिनरोग विशेषज्ञ डॉ. भाविन पटेल के अनुसार, सर्दी में लोग अक्सर ज्यादा नमक, रेड मीट, प्रोसेस्ड खाना और तली हुई चीजें खाते हैं, जो पथरी बनने के ख़तरे को और बढ़ाते हैं।
- जोखिम समूह: जिन लोगों को पहले पथरी रह चुकी है, मोटापा है, डायबिटीज है या यूरिक एसिड बढ़ा रहता है, उनमें सर्दियों में यह ख़तरा और भी बढ़ जाता है।
चेतावनी के लक्षण और उपचार
किडनी स्टोन के लक्षण अक्सर अचानक शुरू होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पीठ, पेट या कमर में तेज चुभन जैसा दर्द।
- पेशाब करते समय जलन होना।
- बदबूदार या गाढ़ा पेशाब आना।
- उलटी जैसा महसूस होना या बार-बार पेशाब लगना।
डॉक्टरों का कहना है कि यदि दर्द के साथ पेशाब में खून दिखे या पेशाब की डक्ट्स ब्लॉक होने का डर हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। छोटी पथरी को आमतौर पर ज्यादा पानी पीने से निकाला जा सकता है, जबकि बड़ी पथरी के लिए शॉक वेव, लेजर या एंडोस्कोपिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।
सर्दियों में किडनी स्टोन से बचने के लिए 6 ग़लतियाँ न करें
सर्दियों में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित 6 काम न करने की सलाह देते हैं:
- पानी कम पीना: प्यास न लगने पर भी दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना अनिवार्य है।
- नमक का अधिक सेवन: डाइट में नमक की मात्रा कम करें।
- प्रोसेस्ड फूड: पैकेट वाले और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
- शारीरिक निष्क्रियता: ठंड की वजह से शरीर की सक्रियता कम न करें; रोज़ाना थोड़ी-बहुत शारीरिक गतिविधि बनाए रखें।
- रेड मीट और तला हुआ भोजन: उच्च प्रोटीन और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रखें।
- खट्टे फलों से दूरी: नींबू और संतरा जैसे खट्टे फलों को डाइट में शामिल न करने की गलती न करें, क्योंकि इनमें मौजूद साइट्रेट पथरी बनने से रोकने में मदद करता है।

