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Bareilly Violence: यूपी पुलिस ने Dr. Nafees Khan को किया गिरफ्तार

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द लोकतंत्र : बरेली में उपद्रव के मामले (Bareilly Violence) में यूपी पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉ. नफीस खान को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. नफीस के बेटे को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार, डॉ. नफीस खान 2010 में हुए बरेली दंगों का भी आरोपी रहा है।

चार दिन से फरार था नफीस

डॉ. नफीस पिछले चार दिनों से फरार था, लेकिन पुलिस की लगातार छापेमारी और खोजबीन के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बरेली पुलिस मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी। इस बीच पुलिस की एक टीम नफीस के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की बिजली काटने भी पहुंची।

फरहत की बेटियों ने सीएम योगी से लगाई गुहार

मौलाना तौकीर रजा, जो कि बरेली में हुई हिंसा का मुख्य आरोपी है, को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं तौकीर को शरण देने वाले फरहत और उसके बेटे को भी पुलिस जेल भेज चुकी है। मंगलवार को फरहत की दोनों बेटियां बरेली के डीएम से मिलने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि उनके घर पर बुलडोजर की कार्रवाई न की जाए और घर की लाइट काट दी गई है।

फरहत की बेटियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके घर में बुलडोजर नहीं चलाया जाए क्योंकि उनका कोई कुसूर नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके पिता पहले मौलाना तौकीर रजा की पार्टी से जुड़े थे, लेकिन बाद में इससे अलग हो गए थे।

पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम

पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और घटना की जांच जारी है। डॉ. नफीस खान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उपद्रव में शामिल अन्य लोगों की पहचान और कार्रवाई की तैयारी कर रही है। साथ ही प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य और निगरानी बढ़ा दी है।

बरेली उपद्रव के मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और पुलिस का दावा है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अधिकारियों ने कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई होगी और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस पूरे मामले पर बरेली पुलिस की कार्रवाई और प्रशासन की निगरानी जारी है।

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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