द लोकतंत्र: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार (17 अगस्त) को बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी। जोड़ इलाके में अचानक बादल फटने से भारी मात्रा में मलबा कई घरों पर आ गिरा। प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस आपदा में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कुछ अन्य के फंसे होने की आशंका है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि कठुआ के जंगलोट क्षेत्र में बादल फटने की खबर मिलते ही उन्होंने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से संपर्क किया। शुरुआती रिपोर्ट में 4 मौतों की पुष्टि हुई थी, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ यह आंकड़ा 7 तक पहुंच गया।
रेलवे ट्रैक और नेशनल हाईवे को नुकसान
इस आपदा में न केवल घरों को नुकसान हुआ बल्कि बुनियादी ढांचे पर भी बड़ा असर पड़ा है। जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे का एक हिस्सा मलबे की चपेट में आ गया, जिसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हुआ। नेशनल हाईवे की एक ट्यूब को एहतियातन बंद कर दिया गया है। वहीं, रेलवे ट्रैक और कठुआ पुलिस स्टेशन को भी नुकसान पहुंचा है।
नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया गया। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, जबकि मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।
किश्तवाड़ आपदा की यादें ताज़ा
कठुआ की यह घटना अभी कुछ ही दिन पहले किश्तवाड़ में आए बादल फटने की आपदा की भयावहता को फिर से याद दिला गई है। किश्तवाड़ के चशोती गांव में हुई उस घटना में अब तक 65 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए और 80 से अधिक लापता बताए जा रहे हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज (GMC) जम्मू में 66 गंभीर रूप से घायल मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से 25 की बड़ी सर्जरी करके जान बचाई गई।
सरकार की राहत घोषणा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ आपदा प्रभावितों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की थी।
मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख
गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख
मामूली घायलों को ₹50,000
पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹1 लाख
आंशिक क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹25,000 की मदद दी जाएगी।
कठुआ में हुए ताजा बादल फटने की घटना ने प्रशासन और आपदा प्रबंधन तंत्र के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।