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जामिया में DDS 2025: डिज़ाइन छात्रों ने नवाचार से दिखाई विकसित भारत की झलक

DDS 2025 at Jamia: Design students show glimpse of developed India through innovation

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बीते सप्ताह, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के डिज़ाइन और इनोवेशन विभाग द्वारा 16–17 मई, 2025 को एम.एफ. हुसैन आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में डिज़ाइन डिग्री शो (DDS) 2025 का आयोजन किया गया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम मास्टर ऑफ डिज़ाइन (M.Des.) के अंतिम वर्ष के छात्रों की रचनात्मकता, तकनीकी दक्षता और सामाजिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। शो में छात्रों ने विभिन्न सामाजिक चुनौतियों को समाधान-आधारित डिज़ाइन के माध्यम से प्रस्तुत किया, जो एक विकसित भारत (Viksit Bharat) की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम था।

जामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन

कार्यक्रम का उद्घाटन जामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने डिज़ाइन और नवाचार के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि, हमारी सांस्कृतिक विरासत और नवाचार का समन्वय ही भविष्य की स्थायित्वपूर्ण और समावेशी डिज़ाइन सोच को जन्म देगा। छात्रों की परियोजनाओं की सराहना करते हुए उन्होंने उन्हें एक विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।

DDS 2025 में कुल 23 प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए गए, जिनमें स्थिरता, समावेशिता, सांस्कृतिक संरक्षण, दृष्टिबाधितों के लिए सहायक तकनीक, सैन्य गतिशीलता समाधान और बाल मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों को रचनात्मक और तकनीकी दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया। उदाहरणस्वरूप, अनुग्रह शोभित मैसी का ‘अवेंटनेवा’ प्रोजेक्ट मोटरसाइकिल रिटेल को एक पर्यावरण-अनुकूल सामुदायिक अनुभव में बदलने की पहल थी। सोनिया द्वारा प्रस्तुत एक भावनात्मक इंस्टॉलेशन ने खाड़ी देशों में काम करने वाले प्रवासी माता-पिता के बच्चों की मानसिक स्थिति को रेखांकित किया।

छात्रों के इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स ने जीता दिल

दानिश सिद्दीकी का ‘द इंडस कोड’ नामक इंटरैक्टिव गेम सिंधु घाटी सभ्यता को नई पीढ़ी तक रोचक ढंग से पहुँचाने का प्रयास था। तरुण गुहा रॉय की परियोजना ‘सेंस एआरवाई’ एक एआर-आधारित संवेदी उपकरण थी, जो आत्मकेंद्रित बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई थी। वहीं, अदिति शर्मा की ‘सेग्रिगेट टू सस्टेन’ परियोजना शहरी अपार्टमेंट्स में स्मार्ट कचरा प्रबंधन के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत करती है।

कार्यक्रम का समापन 17 मई को हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद मेहताब आलम रिज़वी ने छात्रों से उनकी परियोजनाओं की तकनीकी जटिलताओं पर चर्चा की और उन्हें डिज़ाइन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सराहा। आयोजन का नेतृत्व विभागाध्यक्ष प्रो. क़मर इरशाद ने किया और इसे सहायक प्राध्यापक श्री सानीउद्दीन ख़ान, डॉ. तौसीफ़ मजीद, और डॉ. दीपशिखा द्वारा समन्वित किया गया।

Team The Loktantra

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