द लोकतंत्र/ देवरिया : देवरिया जनपद में स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूती देने के उद्देश्य से देवरिया क्लब परिसर में जनपद स्तरीय आकांक्षा हाट का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नीति आयोग के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसका औपचारिक उद्घाटन जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने किया। डीएम ने विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और कई उत्पादों की खरीदारी कर स्थानीय कारीगरों का उत्साहवर्धन भी किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, उप श्रम आयुक्त, उप कृषि निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। हाट में कुल 20 स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें आईसीडीएस, ओडीओपी, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लीड बैंक, आरसेटी, प्रधानमंत्री आवास योजना और वन स्टॉप सेंटर समेत कई विभागों और महिला स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया।
स्थानीय उत्पादों को मिला मंच, बढ़ी बिक्री
‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को साकार करते हुए इस आकांक्षा हाट में स्थानीय कारीगरों और महिलाओं द्वारा तैयार किए गए विविध उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय किया गया। इन स्टॉलों पर राखी, तिरंगा, सजावटी वस्तुएं, हस्तनिर्मित आर्टिफिशियल ज्वेलरी, अचार, मुरब्बा, सिरका, चिप्स, नमकीन, पापड़, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और खाद्य सामग्री जैसे मोमोज, पकौड़ी और चाय जैसी वस्तुएं प्रमुख रूप से उपलब्ध थीं। पहले दिन करीब ₹7700 के उत्पादों की बिक्री दर्ज की गई, जिससे कारीगरों में भारी उत्साह देखने को मिला।
डीएम ने की सराहना, महिलाओं में दिखा आत्मविश्वास
डीएम दिव्या मित्तल ने स्टॉलों पर मौजूद महिला उद्यमियों और कारीगरों से संवाद किया और उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न सिर्फ स्थानीय उत्पादों को एक मंच देते हैं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में हाट में पहुंचकर इन उत्पादों को खरीदें और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।
07 अगस्त तक रहेगा हाट खुला
देवरिया क्लब परिसर में आयोजित यह आकांक्षा हाट 07 अगस्त तक प्रतिदिन आम जनता के लिए खुला रहेगा। जिले के नागरिक इस अवसर का लाभ उठाते हुए घरेलू उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं और महिला समूहों को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर सकते हैं। प्रशासन का यह प्रयास ‘स्थानीय को वैश्विक’ बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल है।