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देवरिया में धर्मांतरण गैंग पर MLA शलभ मणि का प्रहार, सोशल मीडिया पर साझा किए दस्तावेज़ों से बढ़ा विवाद

MLA Shalabh Mani attacks conversion gang in Deoria, controversy escalates due to documents shared on social media

द लोकतंत्र/ देवरिया : देवरिया में ज़बरन धर्मांतरण के मामले को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर कुछ दस्तावेज़ साझा कर आरोप लगाया कि ईजी मार्ट माल के संचालन से जुड़े कर्मचारी का धर्म परिवर्तन एक संगठित गिरोह की साज़िश के तहत कराया गया।

उन्होंने इसे ‘धर्मांतरण गैंग’ की कारस्तानी बताते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि देवरिया में भी ‘छांगुर नेटवर्क’ सक्रीय है जो धर्मांतरण करा रही है। इसे लेकर उन्होंने कुछ दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर साझा किए।

सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने दस्तावेज़ों संग उठाई सख्त कार्रवाई की मांग

सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के मुताबिक, उन्होंने जिन कागज़ात को सार्वजनिक किया, उनमें कर्मचारी के धर्म परिवर्तन संबंधी शपथपत्र, पहचान-पत्र के प्रमाण शामिल हैं। विधायक ने दावा किया कि ये दस्तावेज़ यह दर्शाते हैं कि कर्मचारी को बहकाकर धर्म बदलवाया गया और उसके पीछे एक सुनियोजित नेटवर्क काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, धर्मांतरण केवल किसी की आस्था का मामला नहीं, बल्कि समाज के ताने-बाने को तोड़ने की गहरी साज़िश है। हमने जो दस्तावेज़ साझा किए हैं, वे प्रशासन के लिए आंखें खोलने वाले हैं। जब तक ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, निर्दोष लोग इनके जाल में फंसते रहेंगे।

सदर विधायक ने मामले को ज़्यादा प्रभावी ढंग से उजागर करने के लिए अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का सहारा लिया। उनके पोस्ट ने देखते ही देखते हज़ारों शेयर और टिप्पणियां बटोरीं। समर्थकों ने उनकी पहल को ‘साहसिक’ कहा, तो कुछ ने निष्पक्ष जांच की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

आपको बता दें, शलभ मणि त्रिपाठी धर्मांतरण के खिलाफ लगातार मुखर हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह सामने आए दस्तावेज़ों को आधार बनाकर पूरे नेटवर्क की परतें खोले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जनपद देवरिया के सदर कोतवाली क्षेत्र से धर्म परिवर्तन का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि एसएस मॉल और ईजी मार्ट में काम करने वाले कर्मचारियों पर दबाव डालकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक़ 2019 में ईजी मार्ट में नौकरी करने वाले दत्तात्रेय नामक शख़्स ने इस्लाम अपना कर अपना नाम अब्दुल रहमान और अपनी पत्नी गायत्री का नाम गुलशन फातिमा कर दिया।

इसी बीच, एक युवती ने ईजी मार्ट के संचालक अब्दुल गनी, उनकी पत्नी और साले पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने और यौन शोषण की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है। यही नहीं, अब्दुल गनी के साले पर एक अन्य हिंदू युवती का धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप है। युवती के आरोप लगाने के बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ता शुरू हुआ जिसके बाद सदर विधायक ने इस संदर्भ में कुछ दस्तावेज जारी किए।

वहीं, पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हो चुका है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि गनी परिवार के राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। मुकदमा दर्ज होने के 12 दिन बीतने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि दोनों मॉल सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं। इससे पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।

यूपी धर्मांतरण कानून करेगी हर गुनाह का हिसाब

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए लागू उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 और इसके 2024 में संशोधित प्रावधानों के तहत आरोपियो पर कार्यवाई हो सकती है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 लागू किया था, जिसे 2021 में विधानसभा द्वारा विधेयक के रूप में पारित कर कानून बनाया गया। इस कानून का उद्देश्य धोखाधड़ी, बल, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन, या विवाह के जरिए होने वाले अवैध धर्मांतरण को रोकना है।

30 जुलाई 2024 को इस कानून में संशोधन किया गया, जिसके तहत सजा को और सख्त किया गया और नए अपराधों को शामिल किया गया। इस कानून के तहत धर्मांतरण के लिए गलत बयानी, बल, प्रलोभन, धोखाधड़ी, या अनुचित प्रभाव का उपयोग करना अपराध माना गया है। या फिर विवाह के उद्देश्य से धर्मांतरण, सामूहिक धर्मांतरण या ऐसी गतिविधियों में शामिल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इस कानून के तहत विदेशी फंडिंग या राष्ट्रीय विरोधी गतिविधियों से जुड़े धर्मांतरण को भी शामिल किया गया है।

Team The Loktantra

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