द लोकतंत्र: कर्नाटक की राजनीति में भूचाल लाने वाले बलात्कार मामले में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व लोकसभा सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार दिया है। यह फैसला एफआईआर दर्ज होने के महज 14 महीने बाद सुनाया गया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया की गति भी चर्चा में है।
कोर्ट में फैसला सुनते ही प्रज्वल रेवन्ना भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। अब अदालत 2 अगस्त को सजा की अवधि का ऐलान करेगी।
परिवारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक कनेक्शन
प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं। वे जनता दल (सेक्युलर) से निष्कासित किए जा चुके हैं। उन पर यौन हिंसा और बलात्कार के चार गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कब, कहां और कैसे शुरू हुआ मामला?
यह मामला हसन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित एक फार्महाउस से जुड़ा है, जहां एक घरेलू कामगार ने बलात्कार का आरोप लगाया था। अप्रैल से जून 2024 के बीच उनके खिलाफ चार FIR दर्ज की गई थीं। दो साइबर क्राइम केस भी दर्ज हुए, जिनमें से एक CID की देखरेख में है।
तकनीकी जांच में आया बड़ा खुलासा
एक कथित अश्लील वीडियो सामने आने के बाद अदालत ने तकनीकी जांच के आदेश दिए थे। वीडियो कैसे प्रज्वल रेवन्ना के मोबाइल से उनके ड्राइवर कार्तिक के फोन में पहुंचा, इस पर SIT ने विस्तृत फॉरेंसिक रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में मेटाडेटा, व्हाट्सएप, ब्लूटूथ और डिजिटल लॉग्स की पुष्टि की गई है।
पिता एच. डी. रेवन्ना पर भी शिकंजा
केवल प्रज्वल ही नहीं, उनके पिता और वर्तमान विधायक एच. डी. रेवन्ना पर भी केआर नगर पुलिस स्टेशन में अलग केस दर्ज हुआ है। उन पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ और संभावित सह-अपराध में शामिल होने का संदेह है।