द लोकतंत्र: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में सोमवार को हुए एक दुखद हादसे ने पूरे उत्तराखंड और देशभर के श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया। मंदिर जाने वाले पैदल मार्ग पर अचानक मची भगदड़ में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 35 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी हैं और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
भीड़ और अफवाह बनी हादसे की वजह
प्रारंभिक जांच के अनुसार, भगदड़ की वजह सीढ़ियों पर बिजली का झटका लगने की अफवाह बताई जा रही है। इस अफवाह के फैलते ही भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए नीचे गिरने लगे। हादसे के वक्त मंदिर मार्ग पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जो दर्शन के लिए लाइन में लगे थे।
प्रशासन का बयान
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि “मौके की विस्तृत रिपोर्ट आने तक यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि भगदड़ का मूल कारण क्या था, लेकिन भीड़ का अत्यधिक दबाव अवश्य था। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ।”
हरिद्वार SSP प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने जानकारी दी, “हमें कुछ लोगों के घायल होने की खबर मिली थी, जिसके बाद पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे। अब तक 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 6 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बाकी का इलाज जारी है।”
मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर शोक जताते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। SDRF, उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हूं। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
स्थिति पर निगरानी और जांच जारी
घटना के बाद पूरे मंदिर परिसर और उसके आसपास के मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर इतनी भीड़ को नियंत्रित करने में कहां चूक हुई। CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।