द लोकतंत्र: हिमाचल प्रदेश में मानसून जाते-जाते भी तबाही मचा रहा है। कुल्लू और मनाली में बादल फटने की घटना ने लोगों को हिला दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस आपदा में अब तक करीब 101 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। सड़कों, पुलों, घरों और दुकानों को भारी क्षति पहुंची है।
रात 3:30 बजे बादल फटने से मचा हड़कंप
स्थानीय निवासी रेतराम ने बताया कि रात करीब 1 बजे से तेज बारिश शुरू हो गई थी। अचानक 3:30 बजे पहाड़ों से धमाके जैसी आवाज आई और देखते ही देखते नाले का जलस्तर बढ़ गया। लोग घर छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। इस दौरान कई गाड़ियां, स्कूटी और घर का सामान बह गया। पीड़ित परिवार अब दूसरों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
शास्त्री नगर और कणौण गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
शास्त्री नगर में कई घरों में पानी घुस गया, जबकि कणौण गांव में सैलाब ने दो दुकानें, दो पुलिया और कई वाहन बहा दिए। सरवरी नदी का जलस्तर भी अचानक बढ़ गया और तेज बहाव में एक छोटा पुल बह गया।
स्थानीय लोगों की आपबीती
एक अन्य ग्रामीण झानूराम ने बताया कि बादल फटने के बाद उनके दोनों कमरे क्षतिग्रस्त हो गए। सामान बर्बाद हो गया और अब रहने की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि रात भर लोग दहशत में रहे और सुबह तक हालात बिगड़ते रहे।
डीसी ने दिया नुकसान का अपडेट
कुल्लू के उपायुक्त (डीसी) तोरुल एस. रविश ने बताया कि जिले में अब तक 101 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इसमें निजी संपत्ति का नुकसान करीब 1.8 करोड़ रुपये है। फिलहाल पटवारी स्तर पर और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
103 सड़कें बंद, 500 ट्रांसफॉर्मर ठप
डीसी ने बताया कि जिले में कुल 103 सड़कें बंद हैं। बिजली आपूर्ति के लिए लगे 500 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर भी ठप हो गए हैं। साथ ही 64 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिनकी मरम्मत का काम जारी है।
राहत कार्य तेज
प्रशासन ने फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान शुरू किया है। बंद सड़कों को खोलने और बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
हालांकि फिलहाल मौसम साफ है, लेकिन प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इस प्राकृतिक आपदा ने न सिर्फ घरों को उजाड़ा है बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को भी गहरा झटका दिया है।